गुरुवार, जनवरी 10, 2008

वार्षिक संगीतमाला २००७ : पायदान २१ - आँखों में तेरी अज़ब सी अज़ब सी अदाएँ हैं...

'ओम शांति ओम' मुझे कोई खास पसंद नहीं आई पर युवा संगीतकारों की जोड़ी विशाल और शेखर का संगीत सराहनीय लगा। तो हुजूर इस गीत को सुनने के पहले कुछ दिलचस्प बातें विशाल और शेखर की युगल जोड़ी के बारे में। विशाल यानि विशाल ददलानी एक संगीतकार के साथ गायक भी हैं और मुंबई के रॉक बैंड 'पेंटाग्राम' के सदस्य भी, वहीं शेखर यानि शेखर रवजियानी ने भी शास्त्रीय संगीत सीखा हुआ है।

वैसे तो झंकार बीट्स में अपने उम्दा संगीत की वजह से ये जोड़ी चर्चा में आई पर पिछले साल इनका सितारा तब चमका जब ए. आर. रहमान ने किन्हीं कारणों से 'ओम शांति ओम' का संगीत देने का विचार त्याग दिया और ये फिल्म विशाल‍ ‍शेखर की झोली में आ गिरी।

तो २१ वीं पायदान पर गीत है..आँखों में तेरी अजब सी.. जिसे लिखा जावेद अख्तर साहब ने । जावेद साहब की ये खूबी है कि वो अपने गीतों में बिना किसी क्लिष्टता के वो खूबसूरती ले आते हैं जो आम गीतों में नहीं मिलती। गीत का मुखड़ा तो प्यारा है ही

आँखों में तेरी अज़ब सी अज़ब सी अदाएँ हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसे ये तेरी, वो हवाएँ हैं

और अंतरे में उनकी ये सोच भी खूब लगती है

तेरे साथ साथ ऍसा, कोई नूर आया है
चाँद तेरी रोशनी का हल्का सा इक साया है...

तो पहले देखिए अमानत अली खाँ को सारेगामा पर ये गीत गाते हुए साथ में दीपिका भी दिखेंगी अपनी खबसूरत आँखों को झपकाते हुए.



और फिर केके की आवाज़ में ये गीत सुनिए









इस संगीतमाला के पिछले गीत

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8 टिप्पणियाँ:

mamta on जनवरी 10, 2008 ने कहा…

ये गाना तो हमे बेहद पसंद है। संगीत भी कमाल का है।

Sneha Shrivastava on जनवरी 11, 2008 ने कहा…

Y gana wakai behat achcha hai aur music bhi behot achcha hai.

Yunus Khan on जनवरी 11, 2008 ने कहा…

बढि़या है भाई । हफ्ते भर की अनुपस्थिति के बाद हम फिर हाजिर हैं । लगे रहिए हम सुन रहे हैं ।

Anita kumar on जनवरी 12, 2008 ने कहा…

मनीश जी ये गाना हमारे भी पंसदीदा गानों में से एक है, पर यहां पर ठीक से नहीं चल रहा

Urvashi on जनवरी 15, 2008 ने कहा…

I think this would have been my No. 1 fav song of 2007! :)
Love the way K K has sung it so beautifully!

Poonam Misra on जनवरी 15, 2008 ने कहा…

के के मेरे पसंदीदा गायकों में से हैं.

Manish Kumar on जनवरी 15, 2008 ने कहा…

गाना तो अच्छा है वाकई..सुंदर रूमानी खयालातों से भरा... आप सबको पसंद आया जान कर खुशी हुई।
उर्वशी तुम्हारा ये first choice tha..hmmmm darasal jab ranking ki baat aati hai tab aksarah udaas gaanon ko tarjeh dete hain humara topper aankhein nam karne wala song hai.

Manish Kumar on जनवरी 15, 2008 ने कहा…

अनीता जी गाना ना सुन पाने की शिकायत सिर्फ आपकी तरफ से आई है. मैंने फिर चेक किया इधर तो दिक्कत नहीं हो रही है। वैसे मैं आपकी request अभी तक पूरी नहीं कर पाया हूँ इसका खेद है।

 

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