मंगलवार, मार्च 03, 2009

वार्षिक संगीतमाला 2008 :पायदान संख्या 6 - कुछ कम रौशन है रोशनी..कुछ कम गीली हैं बारिशें

वार्षिक संगीतमाला 2008 में लग गया था बेक्र जिस वज़ह से मेरी ये गाड़ी पॉयदान संख्या 7 पर रुकी हुई थी। और इसी बीच हिंदी फिल्म संगीत ने वो मुकाम तय किया जो अब तक हमें कभी नहीं मिला था। तो सबसे पहले ए आर रहमान और गुलज़ार की जोड़ी को आस्कर एवार्ड मिलने के लिए एक बड़ा सा जय हो ! ये इस बात को पुख्ता करता है कि भले ही हम अपने फिल्म संगीत के स्वर्णिम अतीत को पीछे छोड़ आए हों पर नया संगीत भी असीम संभावनाओं से भरा है और इससे बिलकुल नाउम्मीदी सही नहीं है।

तो चलें इस संगीतमाला की आखिर की छः सीढ़ियों का सफ़र तय करें कुछ अद्भुत गीतों के साथ। छठी पायदान पर एक ऐसे कलाकार हैं जो एक नामी संगीतकार जोड़ी का अहम हिस्सा तो हैं ही, वे गाते भी हैं और अपनी चमकदार चाँद के साथ दिखते भी बड़े खूब हैं। पर हुजूर अभी इनकी खूबियाँ खत्म नहीं हुई हैं। छठी पायदान के इस गीत को लिखा भी इन्होंने ही है। जी हाँ ये हैं विशाल ददलानी और मेरी संगीतमाला की छठी पायदान पर गीत वो जिसे फिल्म दोस्ताना में आवाज़ दी है शान ने...


गर जिंदगी की जद्दोज़हद में अगर आप उबे हुए हों तो निश्चय ही ये गीत आपके लिए मरहम का काम करेंगा। पियानों के प्यारे से आरंभिक नोट्स , शान की मखमली आवाज़ और गिरती मनःस्थिति में मन को सहलाते विशाल के शब्द इस गीत के मेरे दिल में जगह बनाने की मुख्य वज़हें रहीं हैं। तो आइए सुनें ये गीत जो एक शाम मेरे नाम पर प्रस्तुत किया जाने वाला १०० वाँ गीत भी है

कुछ कम रौशन है रोशनी
कुछ कम गीली हैं बारिशें
थम सा गया है ये वक्त ऍसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे

कुछ कम रौशन है रोशनी....
क्यूँ मेरी साँस भी कुछ भींगी सी है
दूरियों से हुई नज़दीकी सी है
जाने क्या ये बात है हर सुबह अब रात है
कुछ कम रौशन है रोशनी.....

फूल महके नहीं कुछ गुमसुम से हैं
जैसे रूठे हुए, कुछ ये तुमसे हैं
खुशबुएँ ढल गईं, साथ तुम अब जो नहीं
कुछ कम रौशन है रोशनी........






और इससे पहले कि आगे बढ़ें एक नज़र उन गीतों पर जो इस साल की संगीतमाला की शोभा बढ़ा चुके हैं।



वार्षिक संगीतमाला 2008 में अब तक :


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4 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari on मार्च 03, 2009 ने कहा…

वाह भई, हरदम की तरह सही पायदान पर सही एवं सटीक चयन. जय हो!!!

Urvashi on मार्च 04, 2009 ने कहा…

This is my favorite song from Dostana! :)
Vishal Dadlani is a really talented individual. He'd even written the lyrics for 'Aankhon mein teri' from 'Om Shanti Om' - another really beautiful song!

बेनामी ने कहा…

मनीश, दो दो गीत एक साथ बज रहे हैं ब्लोग में आते ही, कुछ कम और कोई शास्त्रीय टाईप किसी लेडी की आवाज में।

Manish Kumar on मार्च 05, 2009 ने कहा…

तरुण कुछ और लोगों ने ऐसी शिकायत की है कि जब ब्लॉग खोलते हैं तो पहली दो पोस्ट का म्यूजिक एक साथ बजता है। जबकि एक तो मैंने autostart on कहीं करके नहीं रखा है। ऐसा मेरे यहाँ और बहुत सारे अन्य मित्रों के यहाँ नहीं हो रहा। फिलहाल इस सूरत में यही उपाय बचता है कि पहले पृष्ठ पर सिर्फ एक प्रविष्टि डालूँ।

 

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