मंगलवार, नवंबर 03, 2009

क्या होगा जब श्रेया घोषाल और सुखविंदर दिखलाएँ आपको जीवन की डगर ?

पिछले साल जब वार्षिक संगीतमाला के अपने पसंदीदा गीतों का चयन कर चुका था, तब ये गीत मुझे सुनने को मिला। लिहाज़ा ये मेरी वार्षिक संगीतमाला 2008 का हिस्सा नहीं बन पाया था। ये गीत था फिल्म ब्लैक एंड व्हॉइट (Black and White) का। अगर आपको इस फिल्म का नाम याद नहीं आ रहा तो इसमें आपका कोई क़सूर नहीं। फिल्म सिनेमाघर के पर्दे की शोभा ज्यादा दिनों तक नहीं बढ़ा सकी थी। वैसे विशुद्ध व्यवसायिक फिल्म बनाने वाले सुभाष घई ने इस फिल्म के ज़रिए वास्तविक ज़िंदगी के करीब आने की कोशिश की थी। पर सुभाष घई जैसी भी फिल्में बनाएँ अपनी फिल्मों के संगीत के चयन के प्रति बेहद सजग रहे हैं। इस हट के बनाई गई फिल्म के संगीतकार के तौर पर उन्होंने चुना था लोकप्रिय गायक सुखविंदर सिंह को। और आज जिस गीत की बात मैं आपसे कर रहा हूँ उसमें सुखविंदर जी के हुनर का क़माल साफ दिखाई देता है...


चिड़ियों की चहचहाट, गायिका का मधुर आलाप, चलती रेल की आवाज़ के साथ सम्मोहित करती आरंभिक धुन के साथ इस गीत से आप रूबरू होते हैं। जब तक आप इस आरंभिक सम्मोहन से निकलें श्रेया घोषाल की खनकती आवाज़ और इब्राहिम अश्क़ के बोल ज़िदगी की राहों में साथ साथ चलने पर मज़बूर कर देते हैं। शुरुआती धुन को इंटरल्यूड्स में बरक़रार रख कर सुखविंदर इस गीत का मज़ा दूना कर देते हैं। तो आइए पहले सुनें कोकिल कंठी श्रेया घोषाल के स्वर में ये गीत..



मैं चली मैं चली
इस गली उस गली
इस डगर उस डगर
इस तरफ़ उस तरफ़
साथ मेरे चले ज़िंदगी का सफ़र...

हँसती हैं तितलियाँ, मुस्कुराए ज़मीं
बादलों की हँसी गुनगुनाए कहीं
दिल की धड़कन चले, वक़्त की छाँव में
दर्द की मस्तियाँ नाचती पाँव में..

इस गली उस गली
इस डगर उस डगर, ऍ मेरे हमसफ़र
मैं चली मैं चली
सारी दुनिया से मैं हो गई बेख़बर
साथ मेरे चले जिंदगी का सफ़र...


मेरी पायल में हैं बोल सब प्यार के
चूड़ियों में भी हैं लफ़्ज़ इक़रार के
मेरे होठों पे हैं गीत इज़हार के
ख़्वाब आँखों में है तेरे दीदार के
है यही तो मेरे प्यार की रहगुज़र
मैं चली मैं चली..मैं चली मैं चली


वैसे इस गीत का एक और वर्सन है जिसे सुखविंदर ने अपनी आवाज़ से सँवारा है। श्रेया वाले वर्सन में गीत का मूड जहाँ रोमांटिक हैं वहीं सुखविंदर के इस वर्सन में गीतकार फिलासफिकल नज़रिए से जिंदगी के बदलते रास्तों से हमें ले जाते हैं। इस बार अंतरे में पिआनो की धुन भी कर्णप्रिय लगती है। तो सुखविंदर जी के गाए इस गीत को सुनिए ..



मैं चला मैं चला
इस गली उस गली
इस डगर उस डगर
इस तरफ़ उस तरफ़
साथ मेरे चले ज़िंदगी का सफ़र...

अज़नबी रास्ते, अज़नबी है ज़हाँ
मैं कहाँ से कहाँ आ गया हूँ यहाँ
अज़नबी रास्ते, अज़नबी है ज़हाँ
मैं कहाँ से कहाँ आ गया हूँ यहाँ.......
सात रंगों की है तेरी दुनिया हसीं
है उजाला कहीं तो है अँधेरा कहीं
है कहीं शाम तो क्यूँ कहीं है सहर
मैं चला मैं चला...

कैसी हैं उलझनें कैसे हालात हैं
दिल में उमड़े ये कैसे जज़्बात हैं
कैसी हैं उलझनें कैसे हालात हैं
दिल में उमड़े हुए कैसे जज़्बात हैं.......
है धुआँ ही धुआँ रास्तों के निशां
हर क़दम पर मेरे हौसले है जवाँ
मेरी मंजिल मुझे आ रही है नज़र

मैं चला मैं चला
इस गली उस गली
इस डगर उस डगर
इस तरफ़ उस तरफ़
साथ मेरे चले ज़िंदगी का सफ़र...
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11 टिप्पणियाँ:

दिलीप कवठेकर on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

मज़ा आ गया!!

परमजीत सिहँ बाली on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति।सुन्दर गीत सुनवाने के लिए आभार।

डॉ .अनुराग on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

फिल्म एक अलग ट्रीटमेंट को लेकर थी .मुझे गाना याद नहीं था

"अर्श" on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

shaam mastaani ho gayaee huzoor... waah majaa aagayaa


arsh

राज भाटिय़ा on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

बहुत सुंदर गीत, फ़िल्म तो हम् ने देखी ही नही.
धन्यवाद

Abhishek Ojha on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

पहली बार सुन के ही पसंद आ जाने वाला गाना है.

विनोद कुमार पांडेय on नवंबर 03, 2009 ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति...हमारे भी पसंदीदा है दोनो कलाकार..धन्यवाद

siddheshwar singh on नवंबर 04, 2009 ने कहा…

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति !

अपूर्व on नवंबर 04, 2009 ने कहा…

क्या बात है..पहले क्यों नही सुना इसे..इसी लिये आपके सराहनीय प्रयास को शुक्रिया कहने का दिल होता है..एक रिद्‌मिकल ट्रेन जैसा थीम ट्रैक रहमान की याद दिलाता है तो खूबसूरत लिरिक्स को श्रेया की मखमली आवाज का पैरहन दिलकश बना देता है...वैसे सुखविंदर जी का वर्जन ज्यादा दिलफ़रेब बना...
..बेहद खूबसूरत है आपीय ह शाम..बैगपाइपर वाली शामों से भी उम्दा...

Himanshu Pandey on नवंबर 05, 2009 ने कहा…

न फ़िल्म देखी है, न गाना सुना है ।

श्रेया की आवाज तो खैर सुमधुर है ही । बेहद खूबसूरत गाना सुनवाने के लिये आभार ।

shangrila on नवंबर 17, 2009 ने कहा…

beautiful song thanku

 

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