गुरुवार, मार्च 10, 2011

वार्षिक संगीतमाला 2010 प्रथम पाँच : सजदा तेरा सजदा, दिन रैन करूँ .ना ही चैन करूँ..

वार्षिक संगीतमाला का सरताज बिगुल बजने में अब सिर्फ दो पॉयदानों की दूरी है। यानि आज है तीसरी पॉयदान की बारी। गीतमाला की इस सीढ़ी पर जो गीत है उसकी खास बात ये है कि ये गीतकार का रचा पहला गीत है। गीतकार वही जो नूर ए ख़ुदा के साथ आपसे बीसवीं पॉयदान पर मुख़ातिब हुए थे। जी हाँ फिल्म My Name Is Khan का लिखा गीत सज़दा निरंजन अयंगार का बतौर गीतकार रचा पहला गीत है।

निरंजन के कच्चे गीतों से पक्के गीतकार बनने का वाक़या मैं आपसे पहले ही बाँट चुका हूँ। संगीतकार शंकर अहसान लॉए ने फिल्म की पटकथा के हिसाब से एक ऐसे गीत की दरकार थी जिसमें प्रेम के साथ सूफ़ियत का रंग भी हो और जिसकी शुरुआत सज़दा जैसे शब्द से हो। निरंजन को इसी आधार पर एक कच्चे गीत को लिखने का काम सौंपा गया। निरंजन ने जो गीत रचा उसे जब करण ज़ौहर घर ले के गए तो गीत के बोल सुन कर उनकी माँ ने पूछा क्या इसे जावेद साहब ने लिखा है? बाद में करण और शंकर एकमत हुए कि जो गीत निरंजन ने लिखा है वो ही फिल्म में जाएगा।

पर क्या आपके मन में ये प्रश्न नहीं आ रहा कि एक तमिल होते हुए भी निरंजन अयंगार ने अपने पहले कुछ गीतों में ही सूफ़ियत का इतना प्यारा रंग कैसे डाल दिया? दरअसल निरंजन को सूफ़ी और उर्दू कवियों की रचनाएँ शुरु से भाती रही हैं और वे बुल्ले शाह, गुलाम फ़रीद, ज़िगर मुरादाबादी और अहमद फ़राज़ जैसे शायरों को निरंतर पढ़ते रहे हैं।

सज़दा एक ऍसा गीत है जिसका संगीत संयोजन और गायिकी अव्वल दर्जे की है। गीत शुरु होता है ॠचा शर्मा के गहरे स्वर में। ॠचा प्रेम में अपने रोम रोम डूब जाने की बात खत्म करती ही हैं कि राहत अपनी रुहानी आवाज़ में सज़दा शब्द को इस तरह उठाते हैं कि दिल वाह वाह कर उठता है। पर जब इन गायकों के सुरीले स्वर के बाद कोरस उभरता है ये गीत एक अलग ही धरातल पर पहुँच जाता है और क्या आम क्या खास सभी संगीतप्रेमी इसे गुनगुनाने नज़र आते हैं।

शंकर अहसान लॉए ने इंटरल्यूड्स में सिंथेसाइजर और तबले के संयोजन से जो धुन निकाली है वो सहज ही आपका ध्या

न खींचती है। शंकर इस गीत के बारे में कहते हैं कि एक सहज गीत को संगीतबद्ध करना मुश्किल होता है। खासकर तब जब वो दिल को छूते वो एक सही और प्यारी सी बात भी कहता चले। पर इस मुश्किल काम को निभाने में शंकर अहसान लॉए की जोड़ी सफल रही है।

आइए सुनें ये नग्मा जो प्रेम की बात को एक आध्यात्मिक रंग देता हुआ चला जाता है...



रोम रोम तेरा नाम पुकारे
एक हुए दिन रैन हमारे
हम से हम ही छिन गए हैं
जब से देखे नैन तिहारे
सजदा ….

तेरी काली अँखियों से ज़िंद मेरी जागे
धड़कन से तेज दौडूँ, सपनों से आगे
अब जान लुट जाए, ये ज़हाँ छूट जाए
संग प्यार रहे, मैं रहूँ ना रहूँ

सजदा तेरा सजदा, दिन रैन करूँ .ना ही चैन करूँ
सजदा तेरा सजदा, लख बार करूँ मेरी जान करूँ

अब जान ....सजदा तेरा सजदा....

रांझणा.. नैनो के तीर चल गए..
साजना.. साँसों से दिल सिल गए…
पलकों में छुपा लूँ, तेरा सजदा करूँ
सीने में समा लूँ, दिन रैन करूँ
पलकों में छुपा लूँ, सीने में समा लूँ
तेरे अंग अंग रंग मेरा बोले
अब जान ....सजदा तेरा सजदा....

बेलिया…क्या हुआ जो दिल खो गया
माहिया.. इश्क़ में ख़ुदा मिल गया
जरा अँख से पिला दे..तेरा सजदा करूँ
जरा ख़्वाब सजा दे..ओ दिन रैन करूँ
अब जान ....सजदा तेरा सजदा....
तेरी काली ... ना रहूँ
सजदा तेरा सजदा.....

वैसे इस गीत के दौरान शाहरुख और काजोल की शादी को फिल्माया जाना था। शूटिंग स्थल था कॉलेज आफ फाइन आर्टस कैलीफोर्निया। पर शादी के लिए सजावट के लिए रंग बिरंगे कपड़े से पंडाल सजाना था। पर शूटिंग के दौरान हवा इतनी तेज हो गई कि शादी को एक बड़े पेड़ के नीचे शूट करना पड़ा।

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7 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari on मार्च 10, 2011 ने कहा…

उम्दा गीत- उचित चयन इस पायदान के लिए.

राज भाटिय़ा on मार्च 11, 2011 ने कहा…

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति !!

Manoj Kumar Singh ने कहा…

bahut achha manish jee

Archana Singh on मार्च 11, 2011 ने कहा…

Umda

Mamta Prasad on मार्च 11, 2011 ने कहा…

Very nice song...lv Richa Sharma's voice she is blessed with a very rich and amazing voice...Chaap tilak.....Aaj jane ki zid na karo... and much more....sung by her just superb...

Manish Kumar on मार्च 14, 2011 ने कहा…

गीत पसंद करने के लिए आप सबका शुक्रिया!

ममता जी ॠचा शर्मा की आवाज़ के बारे में आपके मत से बिल्कुल सहमत हूँ।

Zeba khan ने कहा…

I like this song....

 

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