गुरुवार, अप्रैल 07, 2022

वार्षिक संगीतमाला 2021 Top Songs of 2021 तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली Srivalli

वार्षिक संगीतमाला में पिछले साल के शानदार पन्द्रह गीतों की कड़ी में आख़िरी गीत फिल्म पुष्पा से। ये गीत कौन सा है ये तो आप समझ ही गये होंगे क्यूँकि पिछले साल के अंतिम महीने से लेकर आज तक ये गीत लगातार बज रहा है वो भी अलग अलग भाषाओं में। देशी कलाकार तो एक तरफ, ये गीत विदेशी कलाकारों को भी अपने मोहपाश में बाँध चुका है। हाल ही में मुंबई पुलिस के बैंड द्वारा सामूहिक रूप इसकी धुन की प्रस्तुति चर्चा का विषय बनी हुई है। जी हाँ ये गीत है श्रीवल्ली जिसकी अद्भुत संगीत रचना करने वाले देवी श्री प्रसाद बताते हैं कि इस धुन की रूप रेखा उन्होंने पाँच मिनट में ही गिटार पर बजा कर बना डाली थी। इस गीत की धुन इतनी पसंद की जायेगी ये उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था🙂



उत्तर भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए देवी श्री प्रसाद भले ही अनजान हों पर तेलुगू फिल्म उद्योग में वो जाना पहचाना नाम हैं। शायद ही आपको पता हो कि उन्हें उनके प्रशंसक प्यार से  DSP RockStar के नाम से बुलाते हैं। पच्चीस सालों के अपने लंबे कैरियर में नौ फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित DSP अपनी धमाकेदार धुनों के लिए जाने जाते हैं। इसी फिल्म के लिए उनका गीत उ अन्टवा मावा..उ उ अन्टवा मावा.. इस साल का सबसे जबरदस्त डांस नंबर साबित हुआ है पर जहां तक श्रीवल्ली का सवाल है तो वो एक ऐसे आशिक का प्रेम गीत है जिसे ये शिकायत है कि उसकी महबूबा उसके प्यार को अनदेखा कर रही है।

देवी श्री प्रसाद 

DSP ने इस फिल्म के हिंदी वर्जन को लिखने के लिए अपने पुराने मित्र रक़ीब आलम को चुना जो उनकी पहली फिल्म देवी में भी उनके साथ रहे थे। रक़ीब बहुभाषी गीतकार हैं। दक्षिण भारतीय भाषाओं में लिखने के आलावा वे स्लमडॉग मिलयनियर और गैंगस्टर जैसी फिल्मों के गीत लिख चुके हैं।

दक्षिण भारतीय फिल्में जब डब होकर हिंदी में आती हैं तो गीतकार के पास वो रचनात्मक आज़ादी नहीं होती क्यूँकि तब तक मूल भाषा में गीत बन चुका होता है और हिंदी में बस उसका भावानुवाद करना होता है। रक़ीब आलम को जब इसके मूल तेलुगू बोल मिले तो मुखड़े की एक पंक्ति का अर्थ कुछ यूँ था कि तुम्हारी झलक सोने की चमक सी बेशकीमती है। अब हिंदी में मुखड़े का मीटर जम नहीं पा रहा था तो रक़ीब  उर्दू जुबान की शरण में गए और नायिका के लिए जो विशेषण चुना वो था अशर्फी।

अशर्फी में सोना और चमक दोनों मायने निहित थे। उर्दू से अनजान लोग मुखड़े में इस्तेमाल किए जुमले "बातें करे दो हर्फी" को सुनकर असमंजस में पड़ जाते हैं। दरअसल फिल्म की नायिका नायक को ज़रा भी भाव नहीं देती और कुछ पूछने पर भी दो हर्फी जवाब देती है जैसे हाँ, ना, क्यूँ, अच्छा। यहाँ हर्फ का मतलब अक्षर से है। 

वहीं मदक बर्फी से गीतकार का अभिप्राय नायिका की नशीली मादक आँखों से हैं। गीत में हिंदी का वही मादक शब्द मीटर में लाने के लिए मदक में बदल दिया गया है। हालांकि आंखों की तुलना बर्फी से करना सोहता तो नहीं पर अशर्फी से तुक मिलान  के लिए शायद गीतकार को ये करना पड़ा। कई लोगों ने मुझसे मुखड़े की इस गुत्थी को सुलझाने के लिए कहा था। तो अब तो आप समझ गए होंगे मुखड़े के पीछे गीतकार की सोच

तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली, नैना मदक बर्फी
तेरी झलक अशर्फी श्रीवल्ली, बातें करे दो हर्फी

भगवान जो कि छुपा हुआ है उस के लिए तो नायिका पूजा अर्चना में लीन है पर नायक की आँखों में बसा प्रेम उसे नज़र नहीं आता। इसी भाव को गीत में उतारते हुए रक़ीब ने लिखा

नज़रें मिलते ही नज़रों से, नज़रों को चुराये
कैसी ये हया तेरी, जो तू पलकों को झुकाये
रब जो पोशीदा है, उसको निहारे तू
और जो गरवीदा है, उसको टाले तू

बाकी गीत की भाषा रकीब ने ऐसी रखी है जो नायक के किरदार के परिवेश के अनुरूप है। जावेद अली ने इस गीत में अपनी आवाज़ की बनावट में जगह जगह परिवर्तन किया है। वो कहते हैं आवाज़ में बदलाव का ऐसा प्रयोग उन्होंने इस गीत के लिए पहली बार किया और ऐसा करते समय उन्होंने  किरदार के थोड़े रूखे आक्रामक व्यक्तित्व का भी ध्यान रखा। 

जावेद अली और रक़ीब आलम के साथ देवी श्री प्रसाद

पर इस गीत के असली हीरो देवी श्री प्रसाद ही हैं। ये उनकी इस मधुर धुन की ही ताकत है कि भाषा की दीवार लाँघता हुआ ये गीत देश विदेश में इतना लोकप्रिय हो रहा है। गीत की शुरुआत वो गिटार और ताल वाद्यों की संगत में सारंगी पर बजाई गीत की सिग्नेचर ट्यून से करते हैं। गीत में जो सवा दो मिनट के बाद से बैंजो पर मधुर टुकड़ा बजता है उसे स्वयम् देवी प्रसाद ने बजाया है जबकि सारंगी पर मनोनमणि की उँगलियाँ थिरकी हैं।

इस गीत में अभिनेता अल्लू अर्जुन का चप्पल निकलने वाला स्टेप आम लोगों से लेकर बड़े बड़े कलाकारों और खिलाड़ियों को इतना पसंद आया कि उस पर सबने हजारों छोटे छोटे वीडियो  बना डाले। गीत की बढ़ती लोकप्रियता में उनके स्टाइल का भी असर जबरदस्त है।



वैसे तो श्रीवल्ली को इतने लोगों ने गाया है कि उसका कोई एक कवर वर्सन चुन कर सुनाना एक मुश्किल काम है पर जिस तरह जुड़वाँ बहनों किरण और निवि साईशंकर ने ये इस गाने का टुकड़ा गाया है उससे मुझे गीत के  तेलुगू शब्द भी भाने लगे। गीत के मुखड़े और अंतरे के अंत में लिया उनका आलाप इस गीत को अलग ही ऊँचाइयों पर ले जाता है।

वार्षिक संगीतमाला 2021 

इस संगीतमाला के सारे गीतों की चर्चा तो हो चुकी। अब इन पन्द्रह गीतों को अपनी पसंद के क्रम में सजाइए और मुझे भेज दीजिए मेरे फेसबुक पेज मेल या यहाँ कमेंट में। जिसकी पसंद का क्रम मेरे से सबसे ज्यादा मिलेगा वो होगा हर साल की तरह एक छोटे से इनाम का हक़दार।

 

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