वार्षिक संगीतमाला की अगली पेशकश है 2024 में काफी लोकप्रिय रही वेब सीरीज हीरामंडी से। यूं तो हीरामंडी में शामिल तमाम गीत सुनने के काबिल हैं पर इस बार की संगीतमाला में इस धारावाहिक के दो गीतों को सुनने का अवसर आप सबको मिलेगा। सकल बन फूल रही सरसों, आज़ादी और नजरिया की मारी भले ही इस श्रृंखला का हिस्सा न बन पाए हों पर आप उन्हें भी अवश्य सुनें।
ऐसा शायद ही होता है कि किसी वार्षिक संगीतमाला में दो गीत ऐसे हों जिन्हें एक ही परिवार के सदस्यों ने गाया हो। गायकों की इस भीड़ में अगर वो रिश्ता भाई बहन का हो तो और भी अचरज की बात हो जाती है। मैं बात कर रहा हूं गायक पृथ्वी गंधर्व और उनकी बहन कल्पना गंधर्व की। पृथ्वी गंधर्व का गाया हुआ निर्मोहिया इस गीतमाला की बीसवीं पायदान पर आप पहले ही सुन चुके हैं और आज सातवीं सीढ़ी पर उनकी बहन कल्पना हम सबसे सुना रही हैं नेटफ्लिक्स की सीरीज हीरामंडी का ये गीत।
जिस परिवार के उपनाम में गंधर्व का जिक्र हो तो लगने लगता है कि वो संगीत से जुड़ा होगा। कल्पना के नाना वादक थे और उन्होंने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी के साथ कई फिल्मों में काम किया। दादा ने सारंगी को अपना वाद्य चुना वहीं पिता ने वायलिन पर महारत हासिल की।
पृथ्वी और कल्पना ने बचपन से शास्त्रीय संगीत के साथ ग़ज़ल और उप शास्त्रीय संगीत अपने नाना से सीखा। ये दोनों उज्जैन घराने की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। पृथ्वी को तो मैं बतौर ग़ज़ल गायक मैं पिछले कुछ सालों से सुन रहा हूं पर कल्पना की गायिकी से मैं हीरामंडी के माध्यम से ही परिचित हो सका। हालांकि इसके पहले भी उन्होंने तनु वेड्स मनु रिटर्न और सरबजीत के गाने गाए हैं।
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| कल्पना गंधर्व |
हीरामंडी के लिए गाने का मौका उन्हें अचानक से ही मिला। भंसाली साहब अक्सर नई आवाज़ों को मौका देते रहे हैं। अक्सर उनकी महफिलों में नए कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। वे उनसे कुछ सुनाने की फरमाइश करते हैं और आवाज़ अच्छी लगी तो फिर वहीं उस गायक या गायिका को अपने किसी गीत के लिए चुन भी लेते हैं। कल्पना से भी उन्होंने एक ग़ज़ल गंवाई और ये गीत रिकॉर्ड कर लिया। हालांकि कौन से गीत पर कब संपादन की कैंची चल जाए ये डर कल्पना को भी सता रहा था। साथ ही उनके मन में ये संशय भी था कि क्या इसे नेटफ्लिक्स ठीक से प्रमोट करेगी क्योंकि ओटीटी वाले इस मामले में हमेशा कोताही बरतते पाए गए हैं।
इस गीत को लिखा है ए एम तुराज़ ने जो अक्सर संजय लीला भंसाली की फिल्मों में गीत लिखते पाए जाते हैं। तुझे याद कर लिया है आयत की तरह..., इक दिल है इक जान है..., अब तोहे जाने न दूंगी भंसाली साहब की फिल्मों के लिए लिखे उनके कुछ ऐसे गीत हैं जो मेरे बेहद पसंदीदा रहे हैं।
हीरामंडी का संगीत यूं तो खासा पसंद किया गया पर इक बार देख लीजिए.. के रिलीज़ होने के बाद आलम ये था कि लोगों ने इंस्टाग्राम पर इस गीत को लेकर बेतहाशा रील बनाईं। लड़कियों में तो ये गीत खासा लोकप्रिय हुआ। शायद ही कोई नवोदित गायिका हों जिन्होंने इस गीत की शुरुआती पंक्तियां नहीं गाई। संजय लीला भंसाली की धुन को कल्पना ने अपनी गायिकी से इस मुकाम पर पहुंचा दिया कि तुराज़ का ये गीत सबकी जुबान पर आ गया।
इक बार देख लीजिए
इक बार देख लीजिए
दीवाना बना दीजिए
जलने को हैं तैयार हम
परवाना बना दीजिए
इक बार देख लीजिए
इतनी पिएँ कि जा ना सकें
उठ कर कहीं भी हम
आँखों को अपनी आप एक
मय-ख़ाना बना दीजिए
इक बार देख लीजिए
कुछ भी दिखाई ना दे हमें
सिवा आप के कहीं पे
सारे जहां से आप हमको
बेगाना बना दीजिए
इक बार देख लीजिए....
इस शब्द प्रधान गीत में म्यूजिक अरेंजर राजा पंडित ने सितार और वायलिन जैसे तार वाद्यों के साथ साथ तबले और हारमोनियम का इस्तेमाल किया है। राजा ने इस गीत के पहले अंतरे के बाद वायलिन और दूसरे में सितार और फिर गीत के अंत में हारमोनियम पर बजाए एक टुकड़े से सजाया है।
तो आइए आनंद लें इस गीत का कल्पना की आवाज़ में






















6 टिप्पणियाँ:
बेहद सुंदर ❤️
धन्यवाद । मुझे इस गीत की धुन और गायिकी बेहद पसंद आई।
वाह, क्या बात है
शुक्रिया🙂
बहोत खूबसूरत गीत...🥰❤️
धन्यवाद😊
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