बुधवार, फ़रवरी 22, 2017

वार्षिक संगीतमाला 2016 पायदान # 7 क्यूँ रे, क्यूँ रे ...काँच के लमहों के रह गए चूरे'? Kyun Re..

वार्षिक संगीतमाला के साल के दस बेहतरीन गीतों की फेरहिस्त में जो गीत सबसे ज्यादा ग़मगीन कर देता है वो हैं क्यूँ रे...। बच्चे किसे प्यारे नहीं होते। उनका निर्मल मन, उनकी खिलखिलाती हँसी, उनकी शरारतें हमारे हृदय को पुलकित करती रहती हैं। ऐसे में वे अचानक से ही ज़िदगी से बेहरमी से अलग कर दिए जाएँ तो असहनीय पीड़ा होती है। फिल्म Te3n का ये गीत एक बुजुर्ग की ऐसी ही वेदना को व्यक्त करता है जो उनकी अपहृत पोती के हत्यारों की तलाश में है। 

विद्या बालन, अमिताभ बच्चन और नवाजुद्दीन सिद्दिकी जैसे शानदार कलाकारों से परिपूर्ण ये फिल्म सिनेमाघरों में ज्यादा दिन तक तो टिक नहीं पाई पर फिल्म का गीत संगीत अपनी छाप अवश्य छोड़ गया। इस फिल्म के गीत हक़ है मुझे से आप पहले ही इस संगीतमाला में रूबरू हो चुके हैं। आज बारी है इसी फिल्म के एक दूसरे गीत की जिसे अमिताभ बच्चन ने ख़ुद अपनी आवाज़ दी है।



अमिताभ की आवाज़ का तो सारा देश दीवाना है और मैं भी उनकी आवाज़ के जादू से अछूता नहीं हूँ। अब तक नई पुरानी तीस से ज्यादा फिल्मों में अमिताभ अपनी आवाज़ का परचम लहरा चुके हैं। अमिताभ बच्चन ने अपने चिर परिचित मजाकिया अंदाज़ में इस फिल्म का संगीत जनता के सामने रखते हुए इस गीत से जुड़े कुछ प्रसंगों का उल्लेख किया था। अमिताभ का कहना था। .
"पहली बार जब मैंने ये गाना गाया तो इन लोगों ने उसे बेकार कह के नकार दिया। फिर किसी ने कहा क्लिंटन को बुलवा दें। अब बताइए जिन हजरात को आप बचना चाहते हो उन्हीं को आपके छः इंच पर बैठा दिया जाए तो मेरे जैसे शख़्स की, जो गायक नहीं है क्या हालत हुई होगी। सच पूछिए तो मैंने बिल्कुल बेसुरा गाया। अब ये लोग हैं ना बेसुरी आवाज़ को भी मशीन में डालकर और उसमें कोरस और संगीत से अच्छा बना देते हैं। सो जो आप सुनेंगे वो मेरी नहीं मशीनी आवाज़ होगी।"
जब अमिताभ बोल रहे थे तो उनके साथ बैठे क्लिंटन की हँसी रुक नहीं पा रही थी। क्लिंटन का कहना था कि अमिताभ की गहरी आवाज़ का इस्तेमाल हम सब एक दूसरे रूप में करना चाहते थे। उनके द्वारा निभाए किरदार जॉन बिश्वास की आवाज़ एक टूटे हुए इंसान की थी जो वक़्त के हाथों लाचार हो गया था। इसलिए हमने उन्हें उसी चरित्र को अपनी आवाज़ में ढालने को कहा। वाकई अमिताभ बच्चन ने अमिताभ भट्टाचार्य के बोलों के पीछे भावनाओं को हूबहू आवाज़ में तब्दील कर दिया। 



संगीतकार क्लिंटन ने इस साल संगीतमाला में शामिल में अपने चार  गीतों डिगी डिगी डुग, महरम हक़ है और क्यूँ रे  गिटार का जिस तरह इस्तेमाल किया है वो काबिलेतारीफ़ है। ये सारे गीत शब्द प्रधान हैं और सबमें संगीत नाममात्र का ही है। अमिताभ भट्टाचार्य का हँसी के लिए जलतरंग की उपमा का इस्तेमाल मन को सोहता है। दोनो अंतरों से गुजरते गुजरते आँखे नम हो जाती है। ऐसा लगता है मानों कोई अपना ही ज़िंदगी से बिछुड़ गया हो...


जलतरंग सी हँसी तेरी, सुनायी दे आज भी
खुशबू तेरी रह गयी तेरे जाने के बाद भी
घर का वो कोना तेरा, सूना बिछौना तेरा
तेरी गैर मौजूदगी में भी, लगे होना तेरा
क्यूँ रे, क्यूँ रे, कर गया तनहा मुझे ऐसे
क्यूँ रे, क्यूँ रे काँच के लमहों के रह गए
रह गए चूरे

तेरी चीजें अब भी वैसे ही रखता हूँ
बैठा सन्नाटे में उनको  तकता हूँ
जब लौटेगी तब तक रस्ता देखूँगा
इसके आलावा कर भी क्या सकता हूँ
ऊँगली से मुझको फिर से, सुलझाने दे ना अपने
गुच्छे घुंघरैले बालों के भूरे
क्यूँ रे, क्यूँ रे कर गया तनहा मुझे ऐसे
क्यूँ रे, क्यूँ रे काँच के लमहों के रह गए
रह गए चूरे


मासूम सा में आपने एक पिता के दिल की करुण पुकार सुनी थी आज सत्तर वर्षीय उस बुजुर्ग की सुनिए जो बड़ी कातरता से एक प्रश्न कर रहा है कि ये सब हुआ तो क्यूँ हुआ...


वार्षिक संगीतमाला  2016 में अब तक 
8.  क्या है कोई आपका भी 'महरम'?  Mujhe Mehram Jaan Le...
9. जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना.. बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ ... Naina
10. आवभगत में मुस्कानें, फुर्सत की मीठी तानें ... Dugg Duggi Dugg
11.  ऐ ज़िंदगी गले लगा ले Aye Zindagi
12. क्यूँ फुदक फुदक के धड़कनों की चल रही गिलहरियाँ   Gileheriyaan
13. कारी कारी रैना सारी सौ अँधेरे क्यूँ लाई,  Kaari Kaari
14. मासूम सा Masoom Saa
15. तेरे संग यारा  Tere Sang Yaaran
16.फिर कभी  Phir Kabhie
17 चंद रोज़ और मेरी जान ...Chand Roz
18. ले चला दिल कहाँ, दिल कहाँ... ले चला  Le Chala
19. हक़ है मुझे जीने का  Haq Hai
20. इक नदी थी Ek Nadi Thi
Related Posts with Thumbnails

5 टिप्पणियाँ:

Clinton Cerajo on फ़रवरी 26, 2017 ने कहा…

That's awesome. :) thx.

HindIndia on फ़रवरी 27, 2017 ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ... शानदार पोस्ट .... Nice article with awesome depiction!! :) :)

Sumit on मार्च 04, 2017 ने कहा…

One of the best of Amitabh. Clinton is in Super form this season.

Manish Kumar on मार्च 17, 2017 ने कहा…

All the best Clinton. Hope to have many more numbers like this in near future.

Manish Kumar on मार्च 17, 2017 ने कहा…

Absolutely Sumit, Clinton has done quite well along with likes of Amit Trivedi and Pritam


Thanks HindiIndia for appreciation.

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie