गुरुवार, फ़रवरी 22, 2018

वार्षिक संगीतमाला 2017 पायदान # 10 : कान्हा माने ना .. Kanha

एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला  में अगला गाना वो जो अपने लाजवाब संगीत और बेहद मधुर गायिकी के दम पर जा पहुँचा है ग्यारहवीं पायदान पर। शुभ मंगल सावधान के इस सुरीले गीत को संगीतबद्ध किया और लिखा है तनिष्क वायु की जोड़ी ने और इसे गाया है नवोदित गायिका शाशा तिरुपति ने।


तो आखिर क्या खास है इसके संगीत संयोजन में। पानी की लहर की तरह इस गीत की धुन शुरु होती है और एक कोरस से गुजरते हुए सरोद की मीठी झनकार तबले की संगत में श्रोताओं को मुखड़े तक ले आती है। गीत की पहली पंक्ति के उतार चढाव  के साथ ही आप शाशा तिरुपति की आवाज़ के कायल हो जाते हैं। पहले इंटरल्यूड का 23 सेकेंड का टुकड़ा  इस साल की सबसे सुरीली पेशकश में से  एक गिने जाने का हक़दार है ।

क्या कमाल रचा है तनिष्क बागची और वायु श्रीवास्तव की जोड़ी ने राग भीम पलासी से प्रेरित इस रचना में। वॉयलिन की धुन आपके रोंगटे खड़े करती है और फिर सरोद और उसके पीछे की बाँसुरी दिल के कोरों को सहलाते हुए निकल जाती है। गीत के अंत में वायलिन की धुन उसी मिठास की याद दिलाती हुई दुबारा बजती है और मन वाह वाह किए बिना नहीं रह पाता। इस गीत में वॉयलिन पर मानस हैं और सरोद बजाया है प्रदीप बारोट ने। आप दोनों को मेरा दिल से नमस्कार और बधाई।

शाशा तिरुपति इस साल की सबसे उभरती हुई गायिका हैं। श्रीनगर में जन्मी और कनाडा की नागरिकता प्राप्त शाशा एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी कलाकार  हैं। वैसे तो हिंदी फिल्मों में पिछले सात आठ सालों से इक्के दुक्के गीत गाती रहीं। पर इस साल ओके जानू के गाने हम्मा ने लोगों का ध्यान उनकी ओर आकृष्ट किया। दस साल की उम्र से ही शास्त्रीय संगीत सीखने वाली शाशा को फिल्मों में गाने की इच्छा गुरु के गीत तेरे बिना बेस्वादी रतियाँ सुन कर हुई।



वे ए आर रहमान की जबरदस्त प्रशंसक रही हैं। कोक स्टूडियो 3 के दौरान उनका रहमान से परिचय हुआ। ए आर रहमान ने ही उन्हें तमिल फिल्मों में गाने का मौका दिया और फिर उनका कैरियर चल निकला । तीस वर्षीय शाशा अब तक दस अलग अलग भाषाओं में गा चुकी हैं। कान्हा के लिए उन्हें इस साल की बेहतरीन गायिका के लिए कई पुरस्कारों में नामांकित भी किया गया।

तनिष्क बागची वैसे तो संगीतकार हैं ही पर वे अपने जोड़ीदार वायु श्रीवास्तव  के साथ गीत भी साथ ही लिखते हैं। शुभ मंगल सावधान का ये गाना एक ऐसे युगल की कहानी बयाँ करता है  जिनकी शादी होने वाली है पर भावी दूल्हे राजा पहले से ही मिलन को व्याकुल हैं। तनिष्क वायु ने बड़ी चतुरता से नायक  के लिए नटखट कान्हा वाला रूप चुना और ब्रज की मीठी बोली के माध्यम से  इशारों ही इशारों में कान्हा की बेसब्री को शब्दों में बाँधा। फिल्म और नायक के मूड के हिसाब से गीत में हास्य का  पुट भरने के लिए उन्होंने मुखड़े और अंतरे में ट्रिक और क्विक जैसे अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया।

शाशा की इस बात के लिए दाद देनी होगी कि उन्होंने अपनी गायिकी में गीत की शास्त्रीयता भी बरकरार रखी और जहाँ शोख होने की जरूरत हुई वैसे ही अपनी आवाज़ को ढाल दिया। तो आइए सुनें उनकी आवाज़ में ये नग्मा जो कि कान्हा की तरह ही नटखट मिज़ाज का है।


ऊँची ऊँची डोरियों पे बाँधो रे गगर 
पर ना माने ना ...कान्हा माने ना 
जग जो बिछाये हर जाल काट ले 
मक्खन चुराए हर माल छाँट ले 
मुरली से करे ऐसी ट्रिक टिक टिक टिक 
पनघट की है बड़ी.. पनघट की है बड़ी कठिन डगर 
पर ना माने ना ...कान्हा माने ना 

रोके मोहे, टोके मोहे 
काटे रे डगर ओ रे यमुना के तट की 
लाज नाही, काज नाही मारे जो कंकरिया 
तो फूटे मोरी मटकी 
वाक चतुर भरमाए प्रेम जाल उलझाए.. 
जो भी करे, करे सब quick quick quick quick 
कहूँ मैं पिया जी थोडा कर लो सबर 
पर ना माने ना ...कान्हा माने ना 



जिस तरह शाशा कान्हा के नहीं मानने की बात करती हैं वैसे ही आप भी इस गीत के खत्म होते ही कहेंगे बस इतना ही! अभी तो  मन ही नहीं भरा था।  कोई बात नहीं जनाब आपके लिए इस गीत का और अंतरा मैं जोड़ दिए देता हूँ जो कि फिल्म में नहीं है पर जिसे  आयुष्मान खुराना ने अपनी आवाज़ दी है।

बृज आवे लाज काहे
बदरा बुलाए काहे धीर धरे सजनी
सुरमयी रुत भई, आ जा दोनों यमुना के तीर चलें संगनी
मन में भ्रमर गुनगुनावे 
काहे सखी तू घबरावे 
प्रेम तेरा मेरा बड़ा फिट फिट फिट
आज तू बहाने चाहे कितने भी कर पर ना माने ना..कान्हा माने ना

वार्षिक संगीतमाला 2017

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9 टिप्पणियाँ:

Rajesh Goyal on फ़रवरी 23, 2018 ने कहा…

बेहद सुरीला गीत। इसे सुनते ही मुझे न जाने क्यूं बाहुबली 2 का गीत 'कान्हा सो जा जरा' याद आ जाता है ।

Manish Kumar on फ़रवरी 23, 2018 ने कहा…

सही कहा आपने राजेश जी कान्हा सो जा जरा भी ऐसे ही भावों को लिए हुए हैं पर इस गीत का संगीत संयोजन व गायिकी ज्यादा सुरीली लगी मुझे।

Manish Kaushal on फ़रवरी 23, 2018 ने कहा…

शाशा तिरुपति की आवाज़ श्रेया घोषाल की याद दिला देती है, संगीत अत्यंत कर्णप्रिय है।

Manish Kumar on फ़रवरी 23, 2018 ने कहा…

हाँ मनीष बिल्कुल श्रेया से मिलती जुलती है उनकी आवाज़ ! मुझे भी संगीत संयोजन बेहद प्यारा लगा।

Sumit on फ़रवरी 24, 2018 ने कहा…

Wah! Pehli baar suna. Sasha ki awaz mein khanak hai! Geet ke bhav ke kya kehne.

Blog tips in Hindi on फ़रवरी 25, 2018 ने कहा…

अदभुत मस्त

Manish Kumar on फ़रवरी 26, 2018 ने कहा…

हाँ सुमित शाशा प्रतिभाशाली हैं। कम समय में ही अलग अलग प्रकृति के गाने गाए हैं उन्होंने।

कंचन सिंह चौहान on फ़रवरी 27, 2018 ने कहा…

मूवी देखते समय देखा था मतलब सुना था यह गीत तब भी सुरीला लगा था। लेकिन इसके बाद भूल गयी थी अभी सुना तो फिर याद आया।

आयुष्मान खुराना की आवाज़ वाला वीडियो तो बोनस है 😁

Manish Kumar on फ़रवरी 27, 2018 ने कहा…

कंचन मैंने तो फिल्म नहीं देखी थी पर साल के अंत में जब बाकी गीतों को सुनते हुए इससे मुलाकात हुई तो इसकी सुरीली धुन और गायिकी ने मन में मिश्री सी घोल दी।

 

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