बुधवार, जनवरी 20, 2021

वार्षिक संगीतमाला 2020 गीत # 16 : हाँ आज दिल से झगड़ा किया, हाँ आज फिर थोड़ा रोए हैं हम Ye Jo Shahar Hai

वार्षिक संगीतमाला का आज दूसरा चरण पूरा हो रहा है यानी साल के पच्चीस शानदार नग्मों में दस गीतों के बारे में आप जान चुके हैं। अब तक आपने गीतमाला में रूमानियत भरे कुछ हल्के फुल्के तो कुछ संज़ीदा गीत सुने। आज थोड़ा मूड बदलने की बारी है। एक उदास सा गीत है सोलहवीं पॉयदान पर जिसे फिल्म मी रक़्सम के लिए लिखा, संगीतबद्ध और गाया है युवा संगीतकार रिपुल शर्मा ने।


अगर आप इस फिल्म के थोड़े अलग से नाम की वज़ह जानना चाह रहे हों तो बता दूँ कि मी रक़्सम का अर्थ है मैं नृत्य करूँगी। ये एक छोटी सी बच्ची की कहानी है जो मुस्लिम घर में पैदा होने के बावज़ूद मन में भरतनाट्यम में महारत हासिल करने का सपना पाले बैठी है। बाप दर्जी है। पैसों की भी तंगी है पर पिता अपनी बेटी के अरमानों को पूरा करने के लिए पूरे समाज से टकराने के लिए तैयार है। 

इस फिल्म को बनाया है कैफ़ी आज़मी के बेटे बाबा आज़मी ने। ऐसा कहते हैं कि कैफ़ी के मन में ये बात थी कि आज़मगढ़ जिले के उनके पैतृक गाँव मिजवां को केंद्र में रखते हुए एक फिल्म बनाई जाए और इसीलिए मी रक्सम की शूटिंग वहाँ हुई। फिल्म पिछले साल अगस्त में रिलीज़ हुई और समीक्षकों द्वारा काफी सराही गयी।

फिल्म में दो ही गीत है जिसकी जिम्मेदारी रिपुल को सौंपी गयी। ये जो शहर है समाज के उस बदलते स्वरूप को उभारता है जहाँ घृणा, ईर्ष्या और एक दूसरे के प्रति द्वेष है, जहाँ सच और अच्छाई मुँह छुपाए बैठी हैं, जहाँ साँसों में एक घुटन है और लोगों के चेहरों से मुस्कुराहट गायब है। 

ये जो शहर है जहाँ तेरा घर है
यहाँ शाम और रात भी दोपहर है
ख्वाबों के जुगनू जल बुझ रहे हैं
हवाओं में फैला ये कैसा ज़हर है
यहाँ रोज़ थोडा सा मरते हैं हम
हाँ आज फिर दिल से झगड़ा किया
हाँ आज फिर थोड़ा सोए हैं कम
हाँ आज दिल से झगड़ा किया
हाँ आज फिर थोड़ा रोए हैं हम

यहाँ आदमी आदमी से ख़फा है
यहाँ जिस्म से रुह क्यूँ लापता है
कोई ना कभी हाल ना पूछे किसी का
यहाँ भीड़ सी हर तरफ बेवज़ह है
यहाँ शक़्ल में बादलों की धुँआ है
यहाँ साँस भी लें तो घुटता है दम
हाँ आज फिर दिल से झगड़ा किया
..
यहाँ बचपनों सी खुमारी नहीं है
यहाँ भूख पे भी उधारी नहीं है
बदन तोड़ देगी सुकूँ छीन लेगी
यहाँ सच सी कोई बीमारी नहीं है
यहाँ कोई क्यूँ मुस्कुराता नहीं है
यहाँ आदमी से परेशाँ है ग़म
हाँ आज फिर दिल से झगड़ा किया

रिपुल ने अब तक कई वेब सिरीज़ और कुछेक फिल्मों में संगीत देने का काम किया है पर मी रक़्सम में उन्होंने आपके काम के द्वारा अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया है। ये गीत अगर इस गीतमाला में अपना स्थान बना पाया है तो इसकी एक बड़ी वज़ह इसके गहरे बोल और इसकी प्यारी धुन है। रिपुल की आवाज़ भी अच्छी है पर कहीं कहीं गीत में वो उखड़ती नज़र आती है। बेहतर होता कि इसे वो अन्य स्थापित गायकों से गवाते। तो जरूर सुनिए और देखिए इस गीत को 

 

वार्षिक संगीतमाला 2020


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11 टिप्पणियाँ:

Swati Gupta on जनवरी 20, 2021 ने कहा…

गीत के बोल प्यारे हैं

Manish Kumar on जनवरी 20, 2021 ने कहा…

Swati जी बिल्कुल, साल के सबसे बेहतर लिखे गीतों में ये एक है।

Manish on जनवरी 20, 2021 ने कहा…

गीत ज्यादा सुना नहीं गया, पर शुरू होते ही बाँध लेता है। फ़िल्म के बारे में बहोत सुने हैं, समय निकालकर देखते हैं।

Manish Kumar on जनवरी 20, 2021 ने कहा…

हाँ मनीष,OTT प्लेटफार्म पर तो ऐसे गीत और प्रमोट नहीं होते। वैसे भी संगीतमाला का ध्येय ही ऐसे गीतों तक आप सबको पहुँचाना है 🙂 । गीत पसंद करने के लिए शुक्रिया !

Unknown on जनवरी 21, 2021 ने कहा…

Manish bhai shayad yahee platform mujhe kuchh acha sunne ko deta hai..is bhagambhagi confusion me samay nikal raha hai

ललित विजय on जनवरी 25, 2021 ने कहा…

अभी इसके बारें में पढने के बाद देखता हूँ। हिन्दुस्तान में शबाना आजमी के संस्मरण का कड़ी तीन रविवार तक छपा था उसमें भी वो अपने भाई द्वारा एक फिल्म बनाने की बात कही थी,,कहीं यह फिल्म शायद वही हो।

Manish Kumar on जनवरी 25, 2021 ने कहा…

ललित विजय कैफ़ी आज़मी के गांव में इस फिल्म की शूटिंग हुई क्यूंकि उनकी बड़ी इच्छा थी कि एक फिल्म उनके गांव मिजवां पर केंद्रित हो कर बने। उनके जाने के बरसों बाद बाबा आज़मी उनका वो सपना पूरा कर पाए।
वैसे ये गाना आपको कैसा लगा ?

ललित विजय on जनवरी 25, 2021 ने कहा…

Manish Kumar जी,,,गाना बहुत अच्छा लगा। बिल्कुल शांत,,जिसके एक एक शब्द को सुना और भाव को महसूस किया जा सकता है।

Manish Kumar on जनवरी 25, 2021 ने कहा…

Unknown अपने नाम के साथ कमेंट करते तो मुझे और खुशी होती।

विवेक मिश्र on फ़रवरी 06, 2021 ने कहा…

गीत के बोल बहुत अच्छे हैं, लेकिन सुनते समय ऐसा लगता है जैसे हर पंक्ति एक ही तरीके से गायी जा रही है। अगर किसी सही गायक का साथ मिला होता,तो गीत और निखरकर सामने आता।

Manish Kumar on फ़रवरी 06, 2021 ने कहा…

@Vivek Mishra संगीतकार और गायक एक ही शख़्स हैं इसलिए अपनी बनाई धुन के अनुरूप ही गाया होगा। वैसे इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि अगर इसे और मँजे गायक का साथ मिलता तो ये गीत और बेहतर हो सकता था।

 

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