संगीतमाला की दूसरी पायदान पर एक बार फिर है प्रीतम और अरिजीत की जोड़ी। फर्क सिर्फ इतना है कि इस दफ़ा गीतकार का किरदार सँभाला है सईद क़ादरी ने और क़ादरी साहब के बोल ही थे जो इस गीत कौ तीसरी या चौथी सीढ़ी से खिसकाकर इस साल का रनर अप बनाने में सफल हुए। ये गीत है फिल्म लूडो का हरदम हमदम।
जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि अनुराग बसु और प्रीतम की दोस्ती उनकी साझा फिल्मों में कमाल की केमेस्ट्री पैदा करती है। जग्गा जासूस और बर्फी और उसके पहले Gangster और Life In a Metro जैसी फिल्मों में इनके संगीत का स्वाद आप चख ही चुके होंगे।
लूडो के गाने भी बेहद पसंद किए गए। हरदम हमदम की धुन प्रीतम ने अनुराग को बरसों पहले सुनाई थी। अनुराग ने इसे सुनते ही ये वादा ले लिया था कि वो इसे अपनी किसी फिल्म में शामिल करेंगे। वो मौका आया लूडो में। प्रीतम का कहना था कि लूडो जैसी क्राइम थ्रिलर में ढेर सारे गीतों की जरूरत नहीं थी पर अनुराग बसु की कोई कहानी गीतों के बिना दौड़ ही नहीं सकती सो लूडो के लिए चार गीत बनाए गए।
प्रीतम की जैसी आदत है उन्होंने हरदम हमदम की पुरानी धुन को अलग अलग संगीत संयोजन में बाँधा। प्रीतम ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि इस गीत के नौ वर्जन उन्होंने तैयार किए थे पर उनमें अनुराग को जँचा सबसे पहला वाला जिसे फिल्म वर्सन के नाम से जाना गया हालांकि फिल्म के प्रमोशन के लिए झटक मटक वाले वर्सन का इस्तेमाल किया गया।
राजस्थान के जोधपुर से ताल्लुक रखने वाले सईद क़ादरी पिछले दो दशकों से हिंदी फिल्म जगत में सक्रिय हैं। आपको याद होगा कि सईद क़ादरी ने महेश भट्ट की फिल्म जिस्म के आवारापन बंजारापन से हिंदी फिल्मों की दुनिया में क़दम रखा था। मर्डर में उनके गीत भींगे होठ तेरे और कहो ना कहो ने काफी सुर्खियाँ बटोरी थीं। 2007 में उनका गीत जिंदगी ने जिंदगी भर गम दिए, जितने भी मौसम दिए...सब नम दिए पहली बार किसी संगीतमाला का हिस्सा बना। फिर 2011 में Murder 2 का फिर मोहब्बत करने चला है तू और 2012 में बर्फी का गीत फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे ने मेरा दिल जीता। पर उसके बाद क़ादरी साहब को आठ साल लगे अपने किसे लिखे गीत के ज़रिए इस संगीतमाला में शिरकत करने के लिए।
सईद क़ादरी
अब इस रूमानी गीत के बारे में क्या कहा जाए पूरा गीत ही ऐसा है कि जिसे किसी भी को अपने खास के लिए गाने का दिल करेगा। सिर्फ इतना जरूर कहूँगा कि मुझे इसके दूसरे अंतरे की मुलायमियत बेहद पसंद आई। कितना प्यारा लिखा क़ादरी साहब ने दिल चाहे हर घड़ी तकता रहूँ तुझे....जब नींद में हो तू, जब तू सुबह उठे....ये तेरी ज़ुल्फ़ जब चेहरा मेरा छुए......दिल चाहे उंगलियाँ उनमें उलझी रहें। बोलों के आलावा प्रीतम की धुन और अरिजीत की गायिकी तो बेहतरीन है ही।
लूडो में चार रंग की गोटियों की तरह चार समानांतर कहानियाँ चलती हैं और कहानियों के किरदार के आपसी प्रेम को एक साथ जोड़ कर ये गीत फिल्माया गया है। तो आइए पहले सुने इस गीत का वो वर्जन जो फिल्म के प्रमोशन में इस्तेमाल हुआ। गीत की आरंभिक धुन में गिटार प्रमुखता से बजता है। बीच में सरोद और सितार की भी मधुर ध्वनि सुनाई देती है। अंतरे में प्रीतम ने प्रमोशन वाले वर्जन में डांस की रिदम डाली है तो फिल्म वर्सन में इस प्रभाव को टोन डाउन किया गया है।
इस गीत के संगीत में एक मस्ती है और बोलों में पुराने गीतों सा सौंदर्य और मिठास जो इसे अलहदा बनाती है।
ये ली है मेरी आँखों ने, क़सम ऐ यार
रखेगी तुझे ख़्वाब में, हमेशा, हरदम
हरपल हरशब हमदम-हमदम
रखेगी तुझे ख़्वाब में, हमेशा, हरदम
हरपल हरशब हमदम-हमदम
कितना हूँ चाहता कैसे कहूँ तुझे
साया तेरा दिखे तो चूम लूँ उसे
जिस दिन तुझे मिलूँ, दिल ये दुआ करे
दिन ये ख़त्म ना हो, ना शाम को ढले
रहे है बस साथ हम, तू रहे पास
रखूँ मैं तुझे बाहों में हमेशा हरदम
हर पल, हर शब, हमदम-हमदम
तो आइए सबसे पहले सुनें इस गीत का प्रमोशनल वर्सन
फिल्म वर्जन में संगीत संयोजन तो बदलता ही है, साथ ही गीत का दूसरा अंतरा भी सुनाई देता है।
दिल चाहे हर घड़ी तकता रहूँ तुझे
जब नींद में हो तू, जब तू सुबह उठे
ये तेरी ज़ुल्फ़ जब चेहरा मेरा छुए
दिल चाहे उंगलियाँ उनमें उलझी रहें
सुन ऐ मेरे सनम, सुन मेरी जान
तू है एहसास में
हमेशा, हरदम हर पल, हर शब, हमदम-हमदम
अरिजीत के आलावा इस गीत को प्रीतम ने शिल्पा राव से भी गवाया जो शायद फिल्म में इस्तेमाल नहीं हुआ।
लो देते हैं हम तुम्हें
कसम फिर यार
बहेंगे हम अश्क में
आँखों से हर दम हमदम
हरदम हमदम हरदम
कितना हूँ...ना शाम को ढले
छाने ये दिल बात में
तेरे ही जज़्बात में
सजना मेरी बातों में
तुम ही तो हर दम हमदम
हरदम हमदम हरदम
अब वार्षिक संगीतमाला की बस आख़िरी पायदान बची है जो निश्चय ही अपनी गुणवत्ता में बाकी सब गीतों से कहीं ऊपर है यानी उसे चुनते हुए मुझे पिछले साल के किसी और गीत का दूर दूर तक भी ख़्याल नहीं आया। तो बताइए ये गीत कैसा लगा और कौन है इस साल का सरताज गीत?
वार्षिक संगीतमाला 2020
3 टिप्पणियाँ:
अनुराग बासु की फिल्मों में प्रीतम हमेशा बेहतरीन रहते हैं!
@Manish अनुराग बसु और इम्तियाज़ अली के साथ उनकी जोड़ी कुछ खास जमती है
जी एकदम सही सर! मुझे पुरानी लव आज कल के गाने भी बहोत पसन्द हैं!
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