गुरुवार, अप्रैल 18, 2024

वार्षिक संगीतमाला 2023 Top 10 : बोलो भी, बोलो ना

वार्षिक संगीतमाला के अब अंतिम चरण में प्रवेश करते हुए ऊपर की इस पायदान पर मधुर स्वरलहरी गूंज रही है श्रेया घोषाल की। ये नग्मा है फिल्म 12th Fail का जिसने पिछले साल खासी तारीफ़ बटोरी थी।निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने इस फिल्म के गीत संगीत की जिम्मेदारी दी थी शांतनु मोइत्रा और स्वानंद किरकिरे की जोड़ी को। स्वानंद के बारे में तो पहले भी आपको बता ही चुका हूँ आज थोड़ी बातें शांतनु की।

12th फेल के मुख्य किरदार की तरह ही शांतनु का आरंभिक जीवन मध्यमवर्गीय परिवार में बीता जो संगीत को शौक़ की तरह लेने का हिमायती तो था पर पढ़ाई लिखाई के साथ। शांतनु के पिता अपनी नौकरी के साथ साथ सरोद बजाने में भी माहिर थे। पिता के संगीत से इस जुड़ाव ने शांतनु को भी इस विधा को अपनाने के लिए प्रेरित किया। शांतनु ने उस ज़माने में रेडियो पर तरह तरह के कार्यक्रमों को सुनकर अपनी सांगीतिक समझ को पुख्ता किया और इसीलिए परिणिता जैसी पीरियड फिल्म से लेकर Three Idiots जैसी युवा चरित्रों से जुड़ी फिल्मों में बेहतरीन संगीत रचने  में सफल साबित हुए।


हजारों ख्वाहिशें ऐसी, परिणिता, Three Idiots, PK, लगे रहो मुन्ना भाई, खोया खोया चाँद जैसी तमाम फिल्मों में कमाल का गीत संगीत दिया है इस जोड़ी ने। 

शांतनु ने फिल्म की पटकथा पढ़ी। मनोज और श्रद्धा के किरदार के बीच पनप रहे अव्यक्त प्रेम के लिए जब उन्होंने धुन बनानी शुरू की तो उनके मन में जो शब्द गूँजे, वो थे.... बोलो भी बोलो ना...। फिर वे स्वानंद के पास गए और कहा तुम इस पंक्ति और धुन के इर्द गिर्द गीत लिख दो। स्वानंद का पहला जवाब था मुझसे ना हो पाएगा।

शांतनु का कहना है कि स्वानंद के साथ पिछले दो दशकों के साथ ने उन्हें सिखा दिया है कि वे डेडलाइन के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। उनको धुन दे दो, खुला छोड़ दो तो ख़ुद मिनटों में गीत लेकर तैयार हो जाते हैं। जैसी उम्मीद थी स्वानंद गीत ले के आए और शांतनु ने ये गीत श्रेया घोषाल और शान की आवाज़ में रिकार्ड कर लिया।

बेहद मधुर धुन बनाई हैं शांतनु ने इस गीत के लिए। गिटार की प्यारी टुनटुनाहट से गीत शुरु होता है और फिर श्रेया की आवाज़ में गीत का सुरीला मुखड़ा सुनकर मन खुश हो जाता है। पहले अंतरे के बाद शान गीत में आते जरूर हैं पर बेहद कम समय के लिए। स्वानंद गीत के बोलों में प्रेम की अंतरध्वनि को प्राकृतिक बिबों के सहारे बखूबी ढूँढते हैं। गीत में बाँसुरी बजाई है आश्विन श्रीनिवासन और गिटार पर हैं रिकराज नाथ।

ये पतंगें अम्बर से कहती हैं क्या, सुन लो
ये हवाएँ कहती क्या बादल से, हाँ, सुन लो, हाँ
क्या कहें दिल से धड़कनें पागल
सुन लो क्या बोले साँसों की हलचल

बाँसुरी होंठों से जो कहे, तुम लबों से बोलो ना
तितलियाँ जो फूलों से कहें, तुम नज़र से बोलो ना
हौले से बोलो ना, चुपके से बोलो ना
बोलो ना, हाँ, बोलो ना, बोलो भी, बोलो ना


सुन लो क्या बोलें बूँदें सावन से
सुन लो क्या बोलें बूँदें सावन से
क्या कहें आँसू भीगे काजल से
बोलो ना, हाँ, बोलो ना, बोलो भी, बोलो ना


तो आइए सबसे पहले सुनते हैं ये गीत श्रेया और शान की आवाज़ में

   

गाना तो श्रेया और शान की आवाज़ में रिकार्ड हो चुका था पर पर विधु विनोद चोपड़ा के मन में कुछ और ही चल रहा था। फिल्म में वो ये गीत किरदारों से लोकेशन पर गवाना चाहते थे ताकि वो दृश्य ज्यादा से ज्यादा स्वाभाविक लग सके। इसीलिए नायिका का चुनाव करते समय एक पात्रता ये रखी गयी कि उसे अभिनय के आलावा गायिकी भी आनी चाहिए। मेधा शंकर को चुनने के पीछे एक कारण ये भी रहा कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली हुई थी। 

फिल्म में जब ये गाना आता है तो विधु विनोद चोपड़ा ने मेधा की आवाज़ शूट के साथ ही रिकार्ड की थी। नतीजा ये हुआ कि इस गीत को गवाते हुए नायिका के मन का असमंजस और भावों की कोमलता को चोपड़ा स्वाभाविक रूप में दिखा सके। 

और ये है इस गीत का फिल्म वर्सन जिसमें आवाज़ है मेधा की

 

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4 टिप्पणियाँ:

Manish on अप्रैल 18, 2024 ने कहा…

विधु विनोद चोपड़ा के लिए शांतनु मोइत्रा हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं!😊

Manish Kumar on अप्रैल 18, 2024 ने कहा…

शांतनु का कहना है कि पटकथा से ज्यादा वो पटकथा को पर्दे पर उतारने वाले से ट्यूनिंग रखने में विश्वास करते हैं क्यूंकि कई बार स्क्रिप्ट का रूप रंग पर्दे पर आकर बदल जाता है। विधु विनोद चोपड़ा के साथ उनका ऐसा ही रिश्ता है जिसका असर उनकी फिल्मों के संगीत पर दिखता है।

Smita Jaichandran on अप्रैल 28, 2024 ने कहा…

Yeh geet toh behad pasand Aya thaa aur kaafi dafe suna gaya

Manish Kumar on अप्रैल 28, 2024 ने कहा…

हां बेहद मधुर गीत है खासकर इसका मुखड़ा❤️

 

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