वार्षिक संगीतमाला की चौबीसवीं सीढ़ी पर गाना वो जिसमें मेरी समझ से इस साल की सबसे बेहतरीन कोरियोग्राफी हुई है। गाने में प्रयुक्त संगीत ऐसा कि आप चाहे भी तो अपने को थिरकने से नहीं रोक सकते। संगीतकार प्रीतम की ये खासियत रही है कि वो पश्चिमी संगीत के साथ लोक संगीत का इस तरह मिश्रण करते हैं कि हर वक़्त एक नई आवाज़ बाहर निकल कर आती है।
इस बार प्रीतम ने असम के लोक नृत्य के साथ के संगीत को अपने इस गीत में समाहित किया है। प्रीतम के सहायक ध्रुवदास जिन्होंने इस गीत की प्रोग्रामिंग की है ने इसका खुलासा करते हुए अपने एक साक्षात्कार में बताया था कि
"असमी बिहू नृत्य गीतों का अंत द्रुत लय में होता है जिसकी बहुत सारी तहें होती हैं। शुरुआत में धीमी लय ज्यादा ऊँची और तेज होती चली जाती है। इस गीत में बिहु के रूप को बरक़रार रखा गया है।"
ध्रुवदास क्या कहना चाहते हैं वो आप गीत के शुरुआती पन्द्रह सेकेंड और फिर अंत के आधा मिनट (2.15 - 2.45 तक ) में सुन कर महसूस कर सकते हैं। बिहु में असम के लोकवाद्य पेपा (जो भैंस के सींग से बनाया जाता है और तुरही जैसा दिखता है) के साथ ढोल की अद्भुत संगत होती है जिसका एक नमूना आप को यहाँ सुनने को मिलेगा।
जग्गा जासूस के इस गीत में पेपा का स्वर देर तक गूँजा है। वैसे जहाँ प्रीतम रहेंगे वहाँ थोड़े विवाद भी जरूर रहेंगे। गीत के रिलीज़
होने के बाद उँगली उठी कि गीत की धुन मेक्सिको के एक बैंड के इस गीत से
मिलती जुलती है। मेंने जब दोनों गीतों को सुना तो पाया कि दोनों में
इस्तेमाल हुई ताल वाद्यों की बीट्स मिलती जुलती हैं लेकिन संगीत निर्माता
का कहना है कि ये बीट्स एक Common tribal music library से लिए गए हैं
इसलिए ये आरोप बेबुनियाद हैं।
ये गीत किशोर और युवा होते लड़कों का गीत है। गीत के बोल मजाहिया लहजे में युवावस्था में प्रवेश करते लड़कों को गलती से mistake करने को प्रोत्साहित करते हैं। गीत में एक पागलपन हैं जो गीत की कोरियोग्राफी में उभर कर सामने आता है। दरअसल लड़कों के हॉस्टल में जिसने भी कुछ समय बिताया हो वो इस पागलपन से ख़ुद को सहज ही जोड़ सकता है।😊😊
इस गीत की सफलता में संगीतकार, गीतकार और गायक के आलावा निर्देशक अनुराग बसु, अदाकार रणवीर कपूर और कोरियाग्राफर टीम का बराबर का हाथ है। मजे की बात ये है कि इस गीत में अनुराग सांता क्लॉज बनकर आते हैं। तो अगर मन और तन दोनों को को तरंगित करना चाहते हैं तो अरिजीत सिंह और अमित मिश्रा की आवाज़ और प्रीतम के संगीत के साथ झूमना ना भूलें..
वार्षिक संगीतमाला 2017
1. कुछ तूने सी है मैंने की है रफ़ू ये डोरियाँ
2. वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे
3. ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ
6. मन बेक़ैद हुआ
7. फिर वही.. फिर वही..सौंधी यादें पुरानी फिर वही
8. दिल दीयाँ गल्लाँ
9. खो दिया है मैंने खुद को जबसे हमको है पाया
10 कान्हा माने ना ..
13. ये इश्क़ है
17. सपने रे सपने रे
19. नज़्म नज़्म
20 . मीर ए कारवाँ
24. गलती से mistake
2. वो जो था ख़्वाब सा, क्या कहें जाने दे
3. ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ हवाएँ
7. फिर वही.. फिर वही..सौंधी यादें पुरानी फिर वही
8. दिल दीयाँ गल्लाँ
9. खो दिया है मैंने खुद को जबसे हमको है पाया
10 कान्हा माने ना ..
