एक शाम मेरे नाम पर वक़्त आ गया है इस साल की वार्षिक संगीतमाला का जिसमें चुने जाएँगे मेरे द्वारा हर साल की तरह इस साल रिलीज़ हुई फिल्मों के मेरे पच्चीस पसंदीदा गीत। इस साल रिलीज़ हुई सारी फिल्मों के गीतों को सुन चुकने के बाद मैंने तो लगभग अपनी राय कायम कर ली है और उसे यहाँ हर साल की तरह से सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत भी करूँगा पर मुझे उत्सुकता है ये जानने की कि इस साल आपने किन गीतों को पसंद किया?
तो बताइए मुझे इस साल के फिल्मी गीतों में अपनी पसंद । आप अधिकतम पच्चीस गीतों की पसंद बता सकते हैं। जिस किसी की पसंद मुझसे सबसे ज्यादा मिलेगी उसे मिलेगा एक शाम मेरे नाम की तरफ से एक छोटा सा तोहफा...। अभी से लेकर 31 दिसंबर तक आप अपनी पसंद मुझे बता सकते हैं इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में। हर एक गीत के बारे में बताते हुए उसका मुखड़ा और फिल्म का नाम अवश्य लिखें।
याद रहे गीत 2018 में रिलीज़ हुई फिल्मों से ही होने चाहिए। :)
इस साल करीब एक सौ दस से भी ज्यादा फिल्में रिलीज हुई जिनकी पूरी सूची आप यहाँ देख सकते हैं।
वर्ष 2017 की संगीतमाला के सितारों की चर्चा अलग से यहाँ पर हुई थी। नए पाठकों को जिन्हें एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमालाओं के बारे में जानकारी नहीं है वो पिछली संगीतमालाओं से यहाँ गुजर सकते हैं..
तो ये थी आपकी पसंद
सबसे पहले तो नए साल की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। मैंने आप सबसे अपने पसंदीदा गीतों की सूची माँगी थी। मुझे जितनी भी सूचियों मिली उन सबको अगर मिला दूँ तो आप लोगों ने मिलकर अस्सी से ज्यादा गानों को अपनी पसंदीदा फेरहिस्त में चुना। जितने लोग उतनी ही अलग अलग पसंद। इन अस्सी गीतों में सिर्फ सात ऐसे नग्में थे जो आप में से पाँच या ज्यादा लोगों ने पसंद किए। जिन नग्मों को सबसे ज्यादा आपकी पसंद का साथ मिला वे थे दिलबरो, आज से तेरी, मेरे वतन, चाव लागा, तेरा यार हूँ मैं, कर ले मैदान फतेह और मेरा नाम तू।
खुशी की बात ये है कि इनमें से छः इस संगीतमाला का हिस्सा हैं यानी मेरी पसंद में भी शामिल हैं। मेरी सूची के सिर्फ सात नग्मे ऍसे हैं जिसका नाम आप सब में किसी की सूची में भी नज़र नहीं आया। आप सब की पसंद मेरी पसंद से और आपस में कितनी मिली या नहीं मिली इसके लिए एक तालिका बनाई है। आपने जो गीत चुने वो पीले व आसमानी रंग में दिख रहे हैं। जो गीत मेरी सूची में थे उनके लिए पीला और बाकी के लिए आसमानी़ रंग का इस्तेमाल किया है मैंने। संगीतमाला की रोचकता बनाए रखने के लिए मैंने गीतों के नाम वाला कॉलम हटा दिया है।
अपने नाम के नीचे के पीले खानों को जोड़ेंगे तो पता चल जाएगा कि आपकी पसंद मेरी पसंद से कितनी मिली। पहले तीन नाम जिनकी पसंद मेरी पसंद से सबसे ज्यादा मिली है वो मित्र हैं
- अंकित जोशी : ग्यारह गीत (11/25)
- मन्टू कुमार : दस गीत (10/25)
- प्रतिमा शरण : नौ गीत (09/25)
आप सब से अनुरोध है कि अपना पता मेरे फेसबुक के मेसज बॉक्स में भेज दें। एक छोटा सा तोहफा आपके इंतजार में है। :)
इतना तो स्पष्ट है कि कोई गाना किसी को क्यूँ इतना पसंद आता है इसके लिए हर संगीत प्रेमी की अपनी वजहें होती हैं। मैं अपनी वजहों के साथ आज शाम से संगीतमाला में चुने हुए गीतों की शुरुआत करूँगा। इस दौरान आपकी मुलाकात इस साल चमकी कुछ नई प्रतिभाओं से कराने का इरादा है मेरा। आशा है इस सफ़र में आपका साथ बना रहेगा।