संगीतमाला की पिछली सीढी पर अगर आपको बंदेया ने थोड़ा उदास कर दिया था तो आज के इस बेहद मधुर गीत को सुन आपका भी दिल कुछ पलों को झूमने के लिए मजबूर हो जाएगा। इस गीत में गीतकार और गायक की वही जोड़ी है जो दो पॉयदानें पीछे थीं। जी हाँ एक बार फिर आ रहे हैं गीतकार मनोज मुन्तशिर,आतिफ असलम के साथ जीनियस फिल्म के इस गीत में।
कुछ ही साल पहले की बात है जब इस गीत के संगीतकार ना केवल अपने गीतों से बल्कि अपनी आवाज़ से भी आपके कानों में हर रोज़ दस्तक देते रहते थे। उन दिनों शादी बारात समारोह में आने वाला हर डीजे इनके ही गीत बजाया करता था। बतौर संगीतकार इनके चाहनेवाले तो हमेशा रहे पर इनकी गायिकी को झेल पाना श्रोताओं के एक तबके के लिए काफी मुश्किल होता था। फिर ये हुआ कि इन्होंने गाना छोड़ दिया और अचानक ही बतौर हीरो दिखने लगे। वो दौर भी धीमा पड़ा और पिछले दो सालों में संगीत और फिल्म जगत के परिदृश्य से वे एकदम से गायब ही हो गए। आप समझ तो रहे होंगे ना कि मैं किस की बात कर रहा हूँ ? जी बिल्कुल सही समझे आप। मेरा इशारा हिमेश रेशमिया की ही तरफ है।
आप जानना चाहेंगे कि इस ब्रेक के दौरान उन्होंने क्या किया ? इस साल वे कुछ सिंगल्स करते दिखे। देश विदेश में कनसर्ट किए और एक बात और हुई कि उन्होंने इसी साल दूसरी शादी भी की। अगले साल उनकी कई फिल्में आने की उम्मीद है। इस साल उन्होंने सिर्फ Genius के लिए काम किया जिसके द्वारा निर्माता अनिल शर्मा अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा का कैरियर शुरु करने जा रहे थे। ऐसे में फिल्म का संगीत शुरुआती उत्सुकता बढ़ाने के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण था और सच पूछिए तो हिमेश ने आपना काम बखूबी ही किया। तेरा फितूर और दिल मेरी ना सुने काफी सुने गए। तेरा फितूर का प्रील्यूड तो मुझे इस साल के रचे गए संगीत टुकड़ों में अपना विशेष स्थान रखता है पर उसके आगे गीत की धुन में कुछ खास नवीनता नहीं दिखी।
कुछ गीत मुखड़ों तक आते आते ही आपको अपने मोहपाश में बाँध लेते हैं। दिल मेरी ना सुने, दिल की मैं ना सुनूँ एक ऐसा ही नग्मा है जिसकी धुन इतनी मधुर है कि मुखड़े तक पहुँचते ही मन झूमने लगता है। हीमेश ने इस गीत के प्रील्यूड और इंटरल्यूड में बाँसुरी का इस्तेमाल किया है। इस बाँसुरी की मोहक धुन को बजाया है वादक तेजस विनचूरकर ने।
आतिफ असलम व हिमेश रेशमिया |
एक ज़माना था जब टीवी शो सुरक्षेत्र में हिमेश और आतिफ अपने अपने देश के गायकों की फौज की कमान सँभालते हुए एक दूसरे पर वार करना नहीं भूलते थे पर इस गीत के लिए हिमेश और आतिफ ने पहली बार साथ काम किया। हीमेश की इस प्यारी धुन को आतिफ की आवाज़ का बेहतरीन साथ मिला और नतीजन ये गीत करोड़ों बार यू ट्यूब पर बजा। तो चलिए अब साथ चलते हैं मनोज मुन्तशिर के शब्दों के इन शब्दों के साथ दो जवाँ दिलों की आहटें टटोलने।
मैंने छानी इश्क़ की गली, बस तेरी आहटें मिली
मैंने चाहा चाहूँ ना तुझे, पर मेरी एक ना चली
इश्क़ में निगाहों को मिलती हैं बारिशें
फिर भी क्यूँ कर रहा दिल तेरी ख़्वाहिशें
दिल मेरी ना सुने, दिल की मैं ना सुनूँ
दिल मेरी ना सुने, दिल का मैं क्या करूँ
लाया कहाँ मुझको ये मोह तेरा
रातें ना अब मेरी, ना मेरा सवेरा
जान लेगा मेरी, ये इश्क़ मेरा
इश्क़ में निगाहों को ....तेरी ख़्वाहिशें
दिल मेरी.....दिल का मैं क्या करूँ
दिल तो है दिल का क्या ग़ुस्ताख है ये
डरता नहीं पागल बेबाक़ है ये
है रक़ीब ख़ुद का ही इत्तेफ़ाक है ये
इश्क़ में निगाहों को ....तेरी ख़्वाहिशें
दिल मेरी.....दिल का मैं क्या करूँ
वार्षिक संगीतमाला 2018
1. मेरे होना आहिस्ता आहिस्ता
2. जब तक जहां में सुबह शाम है तब तक मेरे नाम तू
3. ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू
4. आज से तेरी, सारी गलियाँ मेरी हो गयी
5. मनवा रुआँसा, बेकल हवा सा
6. तेरा चाव लागा जैसे कोई घाव लागा
7. नीलाद्रि कुमार की अद्भुत संगीत रचना हाफिज़ हाफिज़
8. एक दिल है, एक जान है
9 . मुड़ के ना देखो दिलबरो
10. पानियों सा... जब कुमार ने रचा हिंदी का नया व्याकरण !
11 . तू ही अहम, तू ही वहम
12. पहली बार है जी, पहली बार है जी
13. सरफिरी सी बात है तेरी
14. तेरे नाम की कोई धड़क है ना
15. तेरा यार हूँ मैं
16. मैं अपने ही मन का हौसला हूँ..है सोया जहां, पर मैं जगा हूँ
17. बहुत दुखा रे, बहुत दुखा मन हाथ तोरा जब छूटा
18. खोल दे ना मुझे आजाद कर
19. ओ मेरी लैला लैला ख़्वाब तू है पहला
20. मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा
21. जिया में मोरे पिया समाए
1. मेरे होना आहिस्ता आहिस्ता
2. जब तक जहां में सुबह शाम है तब तक मेरे नाम तू
3. ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू
4. आज से तेरी, सारी गलियाँ मेरी हो गयी
5. मनवा रुआँसा, बेकल हवा सा
6. तेरा चाव लागा जैसे कोई घाव लागा
7. नीलाद्रि कुमार की अद्भुत संगीत रचना हाफिज़ हाफिज़
8. एक दिल है, एक जान है
9 . मुड़ के ना देखो दिलबरो
10. पानियों सा... जब कुमार ने रचा हिंदी का नया व्याकरण !
11 . तू ही अहम, तू ही वहम
12. पहली बार है जी, पहली बार है जी
13. सरफिरी सी बात है तेरी
14. तेरे नाम की कोई धड़क है ना
15. तेरा यार हूँ मैं
16. मैं अपने ही मन का हौसला हूँ..है सोया जहां, पर मैं जगा हूँ
17. बहुत दुखा रे, बहुत दुखा मन हाथ तोरा जब छूटा
18. खोल दे ना मुझे आजाद कर
19. ओ मेरी लैला लैला ख़्वाब तू है पहला
20. मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा
21. जिया में मोरे पिया समाए
12 टिप्पणियाँ:
Bahut pyara geet sach me 👌👌👌😁
जल्दी खींचती है इसकी धुन। मुझे इसका मुखड़ा गुनगुनाना पसंद है।
romance! Simple meethi chashni si
Smita जी बिल्कुल सहज और बेहद मधुर !
It's beautiful !
ये गीत आपको भी पसंद आया जानकर खुशी हुई मीना जी।
पता नहीं था की ये हिमेश रेशमिया का गीत है। इस साल कइयों का कॉलर ट्यून भी बना है। बहुत मधुर गीत।
Manishअच्छा, वैसे इस साल उन्होंने यही इकलौती फिल्म की है।
👍
हिमेश को मैं कभी भी ढूंढ के नहीं सुनता बस नमस्ते लंदन का 'मैं जहाँ रहूं' को छोड़कर। एक 'बनारस' फ़िल्म का गीत भी है।
मेरे छोटे मामा जी हिमेश के डाई हार्ड फैन हैं और इस वज़ह से इनके सारे गाने सुने हैं/सुनने पड़े हैं। और क्या पता अवचेतन स्तर पर इनका फैन मैं भी होऊं..हाहाहा...
ये गाना मैं पहली बार सुनूँगा... :)
ह्म्म्म,पहली बार सुना। कर्णप्रिय है। धुन भी अच्छी और बोल भी।
Mantu Kumar बतौर संगीतकार हिमेश के गीत कभी कभी बेहद कर्णप्रिय होते हैं। मुझे उनके गीतों में जलते दीये, शीशे का समंदर, तेरी याद साथ है बेहद पसंद है।
कंचन बोल तो हल्के फुल्के हैं ही, पर मुझे धुन इस गीत की जान लगी।
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