शनिवार, फ़रवरी 02, 2019

एक शाम मेरे नाम के संगीत सितारे 2018 Musical Stars of 2018

वार्षिक संगीतमाला की ये समापन कड़ी है 2018 के संगीत सितारों के नाम। पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के  पच्चीस बेहतरीन गीतों से तो मैंने आपका परिचय पिछले  महीने  कराया ही पर गीत लिखने से लेकर संगीत रचने तक और गाने से लेकर बजाने तक हर विधा में किस किस ने उल्लेखनीय काम किया यही चिन्हित करने का ये प्रयास है मेरी ये पोस्ट।  तो आइए मिलते हैं एक शाम मेरे नाम के इन संगीत सितारों से।

एक शाम मेरे नाम के संगीत सितारे 2018
साल के बेहतरीन गीत
ढेर सारे रिमिक्स और पुराने गीतों को मुखड़ों का इस्तेमाल कर बनाए गीतों की लंबी फेरहिस्त के बावज़ूद 2017 की अपेक्षा 2018 का संगीत मुझे बेहतर लगा। कई नए युवा संगीतकारों, गायक और गीतकारों ने मिलकर सुरीले रंग बिखेरे। जैसे मैंने पिछली पोस्ट में बताया था मेर लिए इस साल का सरताज गीत तो लैला मजनूँ का मेरे होना आहिस्ता आहिस्ता रहा। वार्षिक संगीतमाला में शामिल सारे गीतों की सूची एक बार फिर ये रही।
 
साल का सर्वश्रेष्ठ गीत

साल के बेहतरीन एलबम
सबसे आसान निर्णय जो रहा मेरे लिए इस साल का वो था सबसे बेहतरीन एलबम के चुनाव का। वैसे भी ये साल कुछ नामी संगीतकारों जैसे प्रीतम और विशाल शेखर के लिए छुट्टी का साल रहा। रहमान ज्यादा फिल्में आजकल करते नहीं। हीमेश रेशमिया भी एक ही फिल्म में नज़र आए। पूरी संपूर्णता में अगर देखा जाए तो 2017 में लैला मजनूँ के दस गानों के संगीतमय एलबम के सामने दूर दूर तक कोई नहीं टिक सका। हाँलांकि इसमें कई संगीत निर्देशक थे पर नीलाद्रि कुमार ने एक अलग समां ही रच दिया अपने संगीत से। 

वैसे कुछ और प्रयास भी सराहनीय रहे। राज़ी, पद्मावत और सुई धागा ने भी कुछ मधुर गीत दिए इस साल के। रचिता अरोड़ा का एलबम मुक्काबाज़ भी एक नई बयार की तरह था जिसमें भांति भांति की संगीत रचनाएँ सुनने को मिलीं। रोचक कोहली ने कई कर्णप्रिय धुनें बनाई पर ज्यादातर ऐसी फिल्मों के लिए जिसमें एक से अधिक संगीतकार थे।

  • मुक्काबाज़ , रचिता अरोड़ा 
  • सुई धागा , अनु मलिक  
  • लैला मजनूँ  नीलाद्रि कुमार , जोय बरुआ 
  • धड़क, अजय अतुल 
  • राज़ी , शंकर एहसान लॉय 
  • पद्मावत, संजय लीला भंसाली  
साल का सर्वश्रेष्ठ एलबम      :  लैला मजनूँ  


साल के कुछ खूबसूरत बोलों से सजे सँवरे गीत
इस साल कुछ नए और कुछ पुराने गीतकारों के बेहद अर्थपूर्ण गीत सुनने को मिले। नए लिखने वालों में नीरज राजावत ने हिचकी की नायिका का विदाई का जो गीत लिखा था वो कमाल था। गौरव सोलंकी ने भी एक गहरी सोच को दास देव के गीत आज़ाद कर में ढाला। स्वानंद किरकिरे ने अक्टूबर के गीत में रुआँसे मन की अंतहीन प्रतीक्षा को कविता सरीखे शब्द दिए। वरुण ग्रोवर का सुई धागा का भजन गीतों में नए शब्दों के चयन से खिल उठा। कौसर मुनीर ने पैडमेन के नायक के प्रेम प्रदर्शन के लिए सहज पर दिल को छूता गीत लिखा। इरशाद कामिल तो लैला मजनूँ और ज़ीरों के गीतों से दिलो दिमाग पर छाए रहे पर किसी एक गीत के लिए अगर सबसे बेहतरीन लिखे गए तो वो थे हुसैन हैदरी की कलम से मुक्काबाज के गीत बहुत दुखा मन में..
  • नीरज राजावत   :      इतनी सुहानी बना, हो न पुरानी तेरी दास्तां….  
  • गौरव सोलंकी    :      खोल दे ना मुझे, आजाद कर...  
  • हुसैन हैदरी       :      बहुत दुखा मन :
  • वरुण ग्रोवर,      :      तू ही अहम, तू ही वहम... 
  • स्वानंद किरकिरे :     मनवा रुआँसा, बेकल हवा सा...
  • इरशाद कामिल :      मेरे होना आहिस्ता आहिस्ता...
  •  कौसर मुनीर     :     आज से तेरी, सारी गलियाँ मेरी हो गयी..
  • मनोज मुंतशिर   :      देखते देखते    
साल के सर्वश्रेष्ठ बोल              : बहुत दुखा  मन, हुसैन हैदरी 

साल के बेहतरीन गायक
आतिफ असलम भी कई गीतों में नज़र आए पर वो निचली पॉयदानों पर बजे । सिर्फ एक गीत गाकर शिवम पाठक और अभय जोधपुरकर ने दिल जीत लिया। मोहित चौहान ने भी मजनूँ के किरदार को जिस जुनून से अपने गीत हाफ़िज़ हाफ़िज़ में निभाया वो काबिलेतारीफ़ था। इस साल एक बार फिर अरिजीत सिंह का गायकों के बीच दबदबा रहा। उन्होंने राज़ी, लैला मजनूँ और पैडमैन के लिए कई सुरीले गीत गाए। अरिजीत ने जिस तरह ऐ वतन को निभाया कि रोंगटे खड़े हो गए और उसी गीत के लिए इस साल के बेहतरीन गायक का खिताब उनकी झोली में जा गिरा।
  • अरिजीत सिंह        :  ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू
  • अभय जोधपुरकर  :  मेरे नाम तू 
  • शिवम पाठक        :  एक दिल है, एक जान है 
  • मोहित चौहान        : हाफ़िज़  हाफ़िज़ 
  • स्वानंद किरकिरे     : खोल दे ना मुझे, आजाद कर 
  • आतिफ असलम    : पानियों सा
साल के सर्वश्रेष्ठ गायक          :  ऐ वतन , अरिजीत सिंह 

साल की बेहतरीन गायिका
अगर सबसे कठिन चुनाव मेरे लिए रहा तो वो साल की सबसे बेहतरीन गायिका का। सुनिधि चौहान ने अक्टूबर, राज़ी और अय्यारी में अपनी गायिकी के विविध रंग प्रस्तुत किए। पिछले साल की विजेता रोंकिनी की गायिकी सुई धागा के गीतों की जान रही । हर्षदीप ने भी बड़ी खूबसूरती से दिलबरो को निभाया पर इनसे थोड़ी ऊपर रहीं श्रेया घोषाल, लैला मजनूँ के गीत सरफिरी में। एक मुश्किल गीत को उन्होंने मानो जी लिया अपनी अदायगी से।
  • रोंकिनी गुप्ता     : तू ही अहम, तू ही वहम.
  • श्रेया घोषाल       : सरफिरी सी बात है तेरी 
  • सुनिधि चौहान    : मनवा रुआँसा, बेकल हवा सा,
  • सुनिधि चौहान    : मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा
  • हर्षदीप कौर      : दिलबरो 
साल की सर्वश्रेष्ठ गायिका     :  सरफिरी , श्रेया घोषाल  

साल के गीतों की कुछ बेहद जानदार पंक्तियाँ 

जब आप पूरा गीत सुनते हैं तो कुछ पंक्तियाँ कई दिनों तक आपके होठों पर रहती हैं और उन्हें गुनगुनाते वक़्त आप एक अलग खुशी महसूस करते हैं। पिछले  साल के गीतों  की वो  बेहतरीन पंक्तियों जिनका चाव मुझे लग गया है आपके लिए हाज़िर हैं। 😃
  • मैं अपने ही मन का हौसला हूँ, है सोया जहां, पर मैं जगा हूँ
  • फसलें जो काटी जाएँ उगती नहीं हैं, बेटियाँ जो ब्याही जाएँ मुड़ती नहीं हैं
  • टुकड़े कर चाहे ख़्वाबों के तू मेरे ... टूटेंगे भी तू रहने हैं वो तेरे
  • मैंने बात, ये तुमसे कहनी है,तेरा प्यार, खुशी की टहनी है। .. मैं शाम सहर अब हँसता हूँ ..मैंने याद तुम्हारी पहनी है 
  • सोयी सोयी एक कहानी...रूठी ख्वाब से, जागी जागी आस सयानी..लड़ी साँस से
  • तेरा चाव लागा जैसे कोई घाव लागा
  • कि संग तेरे पानियों सा पानियों सा..पानियों सा बहता रहूँ .तू सुनती रहे मैं कहानियाँ सी कहता रहूँ
  • तन ये भोग का आदी, मन ये कीट पतंगा..मुक्ति जो ये चाहे, तो मारे मोह अड़ंगा
  • मोरे हाथ में तोरे हाथ की..छुवन पड़ी थी बिखरी बहुत दुखा रे, बहुत दुखा मन हाथ तोरा जब छूटा
  • आते जाते थे जो साँस बन के कभी...वो हवा हो गए देखते देखते 
  • तू बारिश में अगर कह दे... जा मेरे लिए तू धूप खिला, तो मैं सूरज को झटक दूँगा...तो मैं सावन को गटक लूँगा
  • जो मेरी मंजिलों को जाती है तेरे नाम की कोई सड़क है ना....जो मेरे दिल को दिल बनाती है तेरे नाम की कोई धड़क है ना
गीत में प्रयुक्त हुए संगीत के कुछ बेहतरीन टुकड़े

संगीत जिस रूप में हमारे सामने आता है उसमें संगीतकार की तो बड़ी भूमिका रहती है पर संगीतकार की धुन हमारे कानों तक पहुँचाने का काम हुनरमंद वादक करते हैं जिनके बारे में हम शायद ही जान पाते हैं। इसलिए मैंने पिछले साल से मैंने संगीत सितारों में इन प्रतिभावान वादकों का नाम भी शामिल करना शुरु कर दिया है। पिछले साल के कई गीतों में गिटार पर अंकुर मुखर्जी और रबाब और मेंडोलिन पर तापस दा की बजाई धुनें कानों में मिश्री घोलती रहीं। अशरद खाँ का इसराज और वसंय कथापुरकर का बाँसुरी वादन भी शानदार रहा पर जब एक वादक ही संगीतकार बन जाए तो उसकी वादिकी का एक अलग ही असर होता है। नीलाद्रि कुमार का ज़िटार तो लैला मजनूँ के कई गानों में बजा पर हाफिज़ हाफिज़ के प्रील्यूड की बात ही कुछ और थी।

  • हाफ़िज़ हाफ़िज प्रील्यूड ज़िटार नीलाद्रि कुमार
  • दिलबरो मुखड़े और अंतरे के बीच बजता इसराज, अरशद खाँ
  • मनवा प्रील्यूड, गिटार अंकुर मुखर्जी
  • साँसें प्रील्यूड गिटार, पियानो,  प्रतीक कुहाड़
  • मेरे नाम तू प्रील्यूड बाँसुरी वसंत कथापुरकर
  • रुबाब, मेंडोलिन तापस राय  विभिन्न  गीत 
संगीत की सबसे कर्णप्रिय मधुर तान  : हाफ़िज़ हाफ़िज प्रील्यूड ज़िटार नीलाद्रि कुमार


संगीतमाला के समापन मैं आपने सारे पाठकों का धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने समय समय पर अपने दिल के उद्गारों से मुझे आगाह किया। आपकी टिप्पणियाँ इस बात की गवाह थीं कि आप सब का हिंदी फिल्म संगीत से कितना लगाव है। इस साल गीतमाला शुरु होने के पहले मैंने आप सबसे अपनी पसंद के गीतों का चुनाव करने को कहा था और साथ में ये बात भी कही थी कि जिन लोगों की पसंद सबसे ज्यादा इस गीतमाला के गीतों से मिलेगी उन्हें एक छोटा सा तोहफा दिया जाएगा मेरे यात्रा ब्लॉग मुसाफ़िर हूँ यारों की तरफ से। विजेताओं ने जो अपनी मुस्कुराती तस्वीरें मुझे भेजी हैं तोहफे के साथ उससे मुझे यही लगा कि आप सबको ये पसंद आया। 



एक बार फिर आप सभी का दिल से शुक्रिया इस सफ़र में साथ बने रहने के लिए। 
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10 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद मनीष जी इस खूबसूरत उपहार के लिए। आपके द्वारा लिए गए चित्रों के संकलन से ये उपहार अनमोल हो गया है।
आपकी इस गीतमाला का कारंवा यू ही सालों साल चलता रहे । ��������
प्रतिमा शरण

Swati Gupta on फ़रवरी 03, 2019 ने कहा…

आजकल के गीतो में ऐसे बहुत कम गीत होते है जो लंबे समय तक हमें याद रहे, राज़ी और लैला मजनू के कुछ गीत ऐसे ही रहे।
इस साल का संगीत सफर बहुत रोचक रहा...और इसका सारा श्रेय आपके दिलचस्प लेखो को जाता है... इसके लिए आपका आभार

Manish Kumar on फ़रवरी 05, 2019 ने कहा…

प्रतिमा , आपके जैसे संगीतप्रेमी रहेंगे तो ये कारवाँ भी चलता ही रहेगा। :)

Manish Kumar on फ़रवरी 05, 2019 ने कहा…

Swati Gupta शुक्रिया ! संगीतमाला के लेख आपको पसंद आए, मतलब मेरा श्रम सार्थक हुआ। :)

Manish on फ़रवरी 05, 2019 ने कहा…

इस साल भी कुछ नए बेहतरीन कलाकारों से परिचय हुआ!! इतनी जानकारी जुटाने के लिए आपकी मेहनत प्रेरित करती है। अगली संगीतमाला का इंतज़ार रहेगा। इस साल मैं भी अपनी लिस्ट में कुछ ज्यादा मेहनत करूँगा। तस्वीर साझा करने के लिए शुक्रिया!!

Manish Kumar on फ़रवरी 08, 2019 ने कहा…

मनीष, गीतमाला के इस सफ़र में बने रहने और अपनी पसंद साझा करने के लिए धन्यवाद !

Aman Bharti on मार्च 07, 2019 ने कहा…

बेहतरीन वेबसाइट , हिंदी भाषा में इस तरह का लाजवाब वेबसाइट हमे पहली बार मिला | इतना मेहनत करते हो आप इस पर, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद

Manish Kumar on मार्च 07, 2019 ने कहा…

धन्यवाद अमन !

Arvind Mishra on नवंबर 20, 2019 ने कहा…

Countdown kab shuru kar rahe ho bhai...i am desperately waiting

Manish Kumar on नवंबर 20, 2019 ने कहा…

Countdown का तो वक़्त हार साल मुकर्रर है। जनवरी के पहले सप्ताह से।

 

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