शुक्रवार, फ़रवरी 07, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 रनर्स अप : कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया

वार्षिक संगीतमाला का पिछले डेढ़ महीने का सफ़र अब समापन की ओर है। इस दौरान आपको मैंने पिछले साल के कई अनसुने नग्मों से मिलवाया।  जहाँ तक चोटी के दो गीतों की बात है, ये दोनों आपके जाने पहचाने गीत हैं और चहेते भी होंगे ऐसी मेरी उम्मीद है। 

एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला के इस पन्द्रहवें संस्करण में रनर्स अप का खिताब जीता है फिल्म कलंक के शीर्षक गीत कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया ने जिसे गाया अरिजीत सिंह ने, धुन बनाई प्रीतम ने और बोल लिखे अमिताभ भट्टाचार्य ने।


संगीतकार प्रीतम ने इस साल अपने चाहनेवालों को निराश नहीं किया। कलंक के आलावा उन्होंने इस साल The Sky is Pink और छिछोरे का भी संगीत दिया। छिछोरे तो खूब चली पर गाने सबसे ज्यादा कलंक के पसंद किए गए। आज़ादी के पहले की इस कहानी का संगीत देना प्रीतम के लिए चुनौती भरा था। प्रीतम ने इस बात का ख्याल रखा कि फिल्म के गीतों में ज्यादा से ज्यादा भारतीय वाद्यों का प्रयोग हो। फिल्म के कई गाने रागों और लोक धुनों से प्रभावित हैं। कलंक के इस शीर्षक गीत का मुखड़ा राग शिवरंजनी पर आधारित है।

प्रीतम के साथ अमिताभ भट्टाचार्य और अरिजीत सिंह का रिश्ता बहुत पुराना है। अरजीत तो एक समय में प्रीतम के सहायक का काम भी किया करते थे। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस गीत की प्रोग्रामिंग में भी अरिजीत शामिल रहे। यहाँ तक कि गीत में हारमोनियम भी उन्होंने बजाया। गीत के पीछे हुई मेहनत का अगर अंदाजा लगाना हो तो सिर्फ इतना जान लीजिए कि  वरुण धवन ने अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि अरिजीत ने इस गीत को बारह सौ बार गाने के बाद अंतिम रूप दिया। अब इसमें थोड़ी अतिश्योक्ति हो सकती है पर अगर प्रीतम और अरिजीत की अंत अंत तक लगातार सुधार करने की फितरत देखें तो ये सच भी हो सकता है। जिस दिन ये गाना इंटरनेट पर रिलीज़ होना था उस दिन नहीं हुआ क्यूँकि आखिरी क्षणों में भी ये पूरी टीम उसे और बेहतर बनाने में लगी थी।

अरिजीत सिंह और  प्रीतम
इश्क़ तो एक जोग और इबादत का रूप है तो इसमें पड़ना कलंक का सबब कैसे बन सकता है। इसी भाव को ध्यान में रखकर अमिताभ ने ये प्यारा मुखड़ा रचा कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया।  इस गीत में आगे अमिताभ इकतरफा और दोतरफा  का भेद भी बड़े करीने से बता जाते हैं जब वो कहते हैं कि दुनिया की नज़रों में ये रोग है...हो जिनको वो जाने, ये जोग है इकतरफा शायद हो दिल का भरम.. दोतरफा है, तो ये संजोग है...दिल छू जाती है ये प्यारी पंक्तियाँ। 
अमिताभ भट्टाचार्य

सच्चा प्रेम हमें तो बिल्कुल तुच्छ बना देताा है और हम प्रियतम की इबादत पर उतर आते हैं। देखिए इसी भावना को अमिताभ गीत के अंत में कितने खूबसूरत शब्दों में पिरोते हैं...मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा....मुसाफ़िर मैं भटका, तू मेरा बसेरा...तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा... भई वाह !

प्रीतम ने फिल्म के समय को देखते हुए इस गीत में प्रमुखता से तार वाद्यों और तबले का प्रयोग किया है। गीत के बीच में उभरता कोरस उसके प्रभाव को और बढ़ाता है। गीत की लोकप्रियता जब बढ़ी तो इसका एक और वर्सन रिलीज़ हुआ जिसका एक अंतरा शिल्पा राव ने बखूबी गाया है


हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुए तो, किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल पिया

हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी 
मिली है इक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना, क्यूँ चाहे रे मिटाना?
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
पिया, पिया
पिया रे, पिया रे, पिया रे
पिया रे, पिया रे (पिया रे, पिया रे)

दुनिया की नज़रों में ये रोग है
हो जिनको वो जाने, ये जोग है
इकतरफा शायद हो दिल का भरम
दोतरफा है, तो ये संजोग है
लाई रे हमें ज़िन्दगानी की कहानी कैसे मोड़ पे
हुए रे खुद से पराए हम किसी से नैना जोड़ के

हज़ारों में .. काजल पिया
मैं तेरा, हो मैं तेरा
मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
मुसाफ़िर मैं भटका, तू मेरा बसेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा
मैं तेरा
हो पिया मैं तेरा, मैं तेरा..

तो आइए सुनें अरिजीत की आवज़ में इस गीत को



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
Related Posts with Thumbnails

11 टिप्पणियाँ:

Manish on फ़रवरी 07, 2020 ने कहा…

कलंक नही, इश्क़ है काजल पिया..अमिताभ भट्टाचार्य की सोंच बड़ी खूबसूरत है। अरिजीत सिंह निःसंदेह अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ गायक बनने की राह पर है। उनकी मेहनत दिखती है, शायद इसीलिए सबसे लोकप्रिय भी हैं।

Manish Kumar on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

Manish अरिजीत बेहद प्रतिभाशाली गायक हैं। ऊंचे से लेकर नीचे सुरों के गीतों को बड़ी आसानी से निभा जाते हैं। ये धुन भी थोड़ी जटिल और उतार चढ़ाव वाली थी पर उन्होंने बखूबी इस चुनौती को स्वीकारा।

कई बार वो ऐसे गीत स्वीकार कर लेते हैं जिनका ट्रीटमेंट एक सा होता है और ऐसा लगता है कि आप नया कुछ नहीं सुन रहे।

करियर के इस पड़ाव में अब उन्हें अपने गीतों के चुनाव में थोड़ी और सतर्कता बरतनी होगी।

Manish on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

जी सही कहा सर, उन्हें एकरूपता से बचना चाहिए!

Annapurna Gayhee on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

मुझे कलंक के सभी गीत पसंद है

Manish Kumar on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

Annapurna jee अच्छा, इस बार मेरी संगीतमाला में इस फिल्म के तीन गीत शामिल हुए। इसके आलावा ऐरा गैरा और घर मोरे परदेसिया। फर्स्ट क्लास और तबाह हो गए उतने खास नहीं लगे मुझे। .

Swati Gupta on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

बहुत अच्छे बोल गाने के... साथ ही अरिजीत सिंह की शानदार गायिकी.. वैसे मुझे इसका अंतिम हिस्सा ज्यादा पसंद आया जहां से अरिजीत मै तेरा, मै तेरा गाना शुरू करते है.. कमाल का गाया है उन्होंने

Manish Kumar on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

Swati : अरिजीत ने काफी मेहनत की इस गीत में। इसका एक और वर्जन भी है जिसमें शिल्पा राव ने एक अंतरा गाया है। उन्हें भी सुनना अच्छा लगा मुझे।

Smita Jaichandran on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

Arijit mere aajkal ke gayakon mein pasandeeda Hain....iss geet mein bhi unki gayaki, bol, dhun sab behatareen ban padhein Hain!

Manish Kumar on फ़रवरी 08, 2020 ने कहा…

Smita : मुझे भी पसंदीदा हैं, खासकर जब अच्छे संगीतकार उनकी प्रतिभा के अनुरूप गीत उनकी झोली में डालते है। मैंने बहुतेरे नामी संगीतकारों से सुना है कि वो गीत बनाते समय ही ये ध्यान में रखते हैं की इसे अरिजीत से ही गवाना है।

Sumit on फ़रवरी 09, 2020 ने कहा…

इस गाने को आना ही था. शायद इतना बजा है की पुराना लगने लगा है. यही इसकी खासियत और शायद कमजोरी भी है.

Manish Kumar on फ़रवरी 09, 2020 ने कहा…

सही कहा सुमित कलंक का पूरा एलबम पिछले साल खूब बजा है पर मैंने ना ये फिल्म देखी थी और ना ही संगीतमाला की तैयारी के पहले इसके गाने ज्यादा सुने थे।

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie