शुक्रवार, जनवरी 31, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए Bharat

शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से फिल्म संगीत में सक्रिय है और बीच के कुछ सालों को छोड़ दें तो इनके द्वारा रचे संगीत की चमक फीकी नहीं पड़ी है। 2018 में राजी के गीत ऐ वतन और दिलबरो ने खासी लोकप्रियता अर्जित की थी तो इस साल मणिकर्णिका साल के बेहतरीन एलबमों में से एक रहा। इस संगीतमाला में बोलो कब प्रतिकार करोगे, राजा जी के बाद सातवीं पायदान पर दाखिल हो रहा है इसी फिल्म का गीत  मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए


संगीत के मामले में मणिकर्णिका अगर इतनी सफल रही तो उसके पीछे एक बड़ा योगदान इसके गीतकार प्रसून जोशी को जाता है। इन सारे गीतों में उनकी शब्द रचना कमाल की है। देशप्रेम से ओतप्रोत उनके गीतों को सिर्फ पढ़ने से ही पूरे बदन में झुरझुरी हो उठती है। कुछ वैसे ही जैसी स्कूल के दिनों में रामधारी सिंह 'दिनकर' की कविताओं को सुन कर होती थी। प्रसून ने इस फिल्म की पटकथा भी लिखी है। अपनी अन्य जिम्मेदारियों की वजह से बतौर गीतकार 2016 में आई नीरजा के बाद उन्होंने किसी फिल्म में काम नहीं किया था। झाँसी की रानी का शौर्य उन्हें हमेशा आकर्षित करता रहा इसलिए मणिकर्णिका लिए पटकथा और गीत लिखने का काम उन्हें मिला तो उसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया । 

 मणिकर्णिका के इस गीत के मुखड़े के बारे में प्रसून का कहना है कि 

देश को आज़ादी सिर्फ नारे लगाने वालों से नहीं मिली। बहुत लोगों ने अपना सर्वस्व त्यागा तब ये मुकाम हासिल हुआ। सिर्फ नारों से नहीं खून की धाराओं से भी मिली है ये आज़ादी। आज लेकिन बहुत से युवा इस बात को नहीं समझते। रानी लक्ष्मी बाई की कहानी हमें प्रेरित करती हैं। ये हमसे पूछती है कि क्या आप अपना जीवन यूँ ही व्यर्थ करना चाहते हैं या देश के लिए न्योछावर करना चाहते हैं ? आख़िर अपने पराक्रम की वज़ह से रानी को क्या मिला? वो चाहती तो पेंशन ले कर ज़िंदगी अच्छे से गुजार सकती थीं। उनकी व्यक्तित्व की यही बात मेरे दिल को लग गयी और इसीलिए मैंने लिखा कि देश से है प्यार तो हर पल यह कहना चाहिए..मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए

मुखड़ा तो मुखड़ा गीत का अंतरा भी प्रसून ने गजब का लिखा है। अब आप ही बताइए ये तो केवल एक गीत है, ऐसी पंक्तियाँ तो किसी कविता को एक अलग स्तर पर ले जाएँगी मेरी नस नस तार कर दो और बना दो एक सितार, ......राग भारत मुझपे छेड़ो झनझनाओ बार बार ......देश से ये प्रेम आँखों से छलकना चाहिए, .....मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए 


इतने अच्छे शब्दों को चाहिए थी एक शानदार आवाज़ और शंकर महादेवन के रहते हुए गायक की और जगह कौन ले सकता था? इस गीत को रिलीज़ करते समय उन्होंने कहा था कि मुझे गर्व है अपने भारतीय होने पर। गीत में तार वाद्यों से जुड़ा आर्केस्टा बांबे स्ट्रिंग का है और अंतरों के बीच की बाँसुरी बजाई है नवीन कुमार ने। तो आइए एक बार फिर सुनते हैं भारत और भारत को प्रेम करने वाले लोगों को समर्पित ये गीत।

देश से है प्यार तो हर पल यह कहना चाहिए
मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए
सिलसिला ये बाद मेरे यूँ ही चलना चाहिए
मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए

मेरी नस नस तार कर दो और बना दो एक सितार
राग भारत मुझपे छेड़ो झनझनाओ बार बार
देश से ये प्रेम आँखों से छलकना चाहिए
मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए

शत्रु से कह दो ज़रा सीमा में रहना सीख ले
ये मेरा भारत अमर है सत्य कहना सीख ले
भक्ति की इस शक्ति को बढ़कर दिखना चाहिए
मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए

है मुझे सौगंध भारत सौगंध भारत है मुझे
भूलूँ ना एक क्षण तुझे हम्म..
रक्त की हर बूँद तेरी है तेरा अर्पण तुझे
युद्ध ये सम्मान का है मान रहना चाहिए



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

बुधवार, जनवरी 29, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : आज जागे रहना, ये रात सोने को है Aaj Jage Rahna

हर साल संगीतमाला में रूमानियत भरे गीतों की नई बयार बहती रहती है पर इस बयार में एक आध ही गीत ऐसे होते हैं जिनकी मासूमियत भरी भावनाएँ एक बार सुनते ही दिल को यूँ सहला जाती हैं कि उस गीत को बार बार सुनने का मन करता है। 


संगीतमाला की आठवीं पायदान पर  प्रेम से लबरेज़ एक ऐसा ही प्यारा सा गीत है जो मुझे उस गीत की याद दिला गया जिसे स्वानंद किरकिरे ने फिल्म बर्फी के लिए लिखा था। बर्फी के उस गीत के बोल कुछ यूँ थे ..

साँवली सी रात हो, ख़ामोशी का साथ हो
बिन कहे, बिन सुने, बात हो तेरी मेरी
नींद जब हो लापता, उदासियाँ ज़रा हटा
ख़्वाबों की रज़ाई में, रात हो तेरी मेरी

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले संगीतकार सिद्धार्थ अमित भवसार ने स्वानंद की लेखनी की ऊँचाइयों को तो अपने लफ़्जों में नहीं छुआ पर अगर आप ये जानेंगे कि उन्होंने बस यूँ ही सत्रह साल की उम्र में ये गीत लिख कर उसकी धुन बना दी थी तो आप उनकी इस कृति के कायल हो जाएँगे।

सालों बाद जब ये गीत  मोतीचूर चकनाचूर के लिए रिकार्ड हुआ तब उन्होंने अपने मन की भावनाएँ कुछ यूँ व्यक्त की थीं
मेरे पास शब्द नहीं है अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए। ये हिंदी फिल्म के लिए गीत लिखने और उसे संगीतबद्ध करने की बात नहीं है, ना ही इसका ताल्लुक इस गीत की आगे मिलने वाली सफलता या असफलता से है। मैं तो बस वो दिन याद करना चाहता हूँ जब सालों पहले यूँ ही मैंने इस गीत को लिखा और कम्पोज़ किया था... बिना ये जाने हुए कि हिंदी फिल्मी गीतों की संरचना क्या होती है? उस समय भी जब पार्टी में संगीत की महफिल जमती थी तो मैं अपने कई मूल गीत गाता था पर इसे किसी को नहीं सुनाता था। मैं सोचता था कि ये गीत सिर्फ मेरे लिए है जिसे गा कर मैं अपने उस गुजरे हुए समय  पर एक नज़र डालते हुए कह सकता हूँ कि देखो उस वक़्त मैंने ये गीत यूँ ही बना दिया था।
स्वानंद के गीत की तरह ही  सिद्धार्थ के शब्द रात, नींद, ख़्वाब, खामोशी, उदासी और उसके अंदर बहती प्रेम की सरगम का जिक्र करते हैं। गीत इशान दास की बजाई गिटार की मधुर धुन से शुरु होता है और फिर अंतरे में किरण की बाँसुरी मन मोह लेती है।  पर इन सब के बीच जिस मुलायमियत के साथ हिमानी कपूर इस गीत को निभाती हैं वो गीत को एक अलग ही ऊँचाई पर ले जाता है। गीत का अंत हिमानी के आलाप से होता है पर उसकी गूँज गीत सुनने के बाद भी मन में काफी देर तक रहती है।

सिद्धार्थ अमित भास्वर व हिमानी कपूर
डेढ़ दशक पहले सारेगामापा से चर्चा में आई हिमानी की संगीत यात्रा उनके द्वारा हिंदी फिल्मों में गाए चुनिंदा गीतों तक ही सीमित रही है। शादी और उसके बाद की पारिवारिक समस्याओं से आए कैरियर में विराम के बाद से वे फिर उसी जोश से अपने कैरियर को पटरी पर लाने में प्रयत्नशील हैं। उनकी आवाज़ में एक अलग ही कशिश है जिसका इस्तेमाल अगर बाकी संगीतकार भी करें तो ऐसे ही दिल छूते गीत श्रोताओं को आगे भी सुनने को मिलेंगे । 

आज जागे रहना, ये रात सोने को है
आज जागे रहना, ये रात सोने को है
तेरी पलकों पे आँसू आए तो
मेरा कान्धा रोने को हैं, ये रात सोने को है

चुप चुप क्यूँ बैठे हो कह भी दो
गुमसुम से रहते हो कह भी दो
तेरे लब जो मेरी सरगम गाये तो
फिर प्यार होने को है
मेरा दिल भी खोने को है

ख़्वाहिशों के सहारे बैठकर
कब खुद से हम किनारा कर गए
जो आँखों में ख़्वाब थे, आँसू भर गए
आज जागे रहना, ये रात सोने को है


मोतीचूर चकनाचूर का ये गीत एलबम में तो मौज़ूद रहा पर फिल्म में शायद इसे जगह नहीं मिली। अब ऐसा क्यूँ हुआ ये तो सिद्धार्थ ही बता सकते हैं पर ऐसे गीतों को पर्दे पर देखना दर्शकों के लिए भी एक रूमानी अनुभव होता...




वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

मंगलवार, जनवरी 28, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए Dil Royi Jaye

पिछले कुछ सालों की तुलना ये अजूबा ही रहा कि वार्षिक संगीतमाला 2019 की दसवीं पायदान तक पहुँचने के बाद भी आजुकल के सबसे चहेते गायक अरिजीत सिंह की आवाज़ कानों में नहीं गूँजी। अक्सर ये पार्श्व गायिकाओं की शिकायत रहती है कि एक तो Female Solo फिल्मों में बेहद कम लिए जाते हैं और फिल्म का सबसे अच्छा गीत भी उन्हें ना मिलकर अरिजीत सरीखे गायकों की झोली में ही गिरता है। पर पिछले साल के गीतों को सुनते हुए कई ऐसे कुछ बेहतरीन नग्मे दिखे जिसे एकल या गीत का बड़ा हिस्सा गायिकाओं ने गाया है। श्रेया घोषाल की आवाज़ में आप इस साल तीन गीतों में  सुन ही चुके हैं। इसके आलावा ज्योतिका टांगरी, प्रतिभा सिंह बघेल, जसलीन रायल, हिमानी कपूर और शिल्पा राव की आवाज़ें भी इस साल की संगीतमाला का हिस्सा बनी हैं।


पर ऐसा भी नहीं है कि अरिजीत की आवाज़ का जादू कम हो गया है क्यूँकि इस संगीतमाला में उनके गाए हुए तीन गीत बजने हैं और उनमें से पहला गीत है नवीं पायदान पर फिल्म दे दे प्यार दे से। ऐसे तो ये बड़ी खुशनुमा सी फिल्म थी पर इसका एक गाना ढेर सारा दर्द अपने में समेटे हुए था। अकेले रह रहे एक प्रौढ़ शादीशुदा व्यक्ति का एक युवा स्त्री के प्रेम में पड़ना और उस रिश्ते को स्थायी रूप देने के पहले  परिस्थितिवश अलग हो जाने के क्रम में ये गीत पर्दे पर आता है।

कोई रिश्ता जब टूटता है तो हम चाह कर भी अपने आप को सँभाल नहीं पाते। आँसुओं की झड़ी सी लग जाती है उन पुराने साथ बिताए पलों के बारे में सोचकर। कुमार ने मन की इस स्थिति के लिए फिर एक नया शब्द ईजाद कर दिया दिल रोई जाए,। पानियों सा के बारे में लिखते समय मैंने आपको कुमार के एक साक्षात्कार की बात बताई थी जिसमें उन्होंने कहा था 

"..कि कोई मापदंड थोड़े ही है लफ़्जों का। एक डिक्शनरी बनी होगी उसके पहले खाली होगी। मैं तो कहता हूँ कि आप किसी चीज (गलत शब्द) को कैसे कनेक्ट करते हो ये महत्त्वपूर्ण है।"

रोए जाने और खोए रहने की बात तो आपने सुनी ही होगी पर तुझको पाने से ज़्यादा खोई-खोई जाए..दिल रोई जाए रोई जाए.. भी दिल को छूता ही गुजरता है। रोचक कोहली, कुमार और अरिजीत इससे पहले पिछले साल तेरा यार हूँ मैं में भी साथ नज़र आए थे और वो गीत भी खासा लोकप्रिय हुआ था। 

रोचक कोहली की गिटार में महारत है और उस पर आधारित उनकी धुनें बेहद सुरीली होती हैं।  इस गीत में मुखड़े के पहले और अंतरों के बीच इस्तेमाल होने वाली सिग्नेचर ट्यून में वो कमाल झलकता है। जब ऐसी धुनों को अरिजीत की आवाज़ का साथ मिलता है तो सहज से भाव भी गहरे लगने लगते हैं। 

मेरे हिस्से में तू नहीं है, ये भी ना जानूँ क्यूँ नहीं है
मेरे हिस्से में तू नहीं है, ये भी ना जानूँ क्यूँ नहीं है
इतना ही बस मुझको पता है
मैं तेरा ग़लत, तू मेरा सही है
तेरे बिन ये ग़म हैं, कुछ साँसें कम हैं
क्यूंकि तुझको पाने से ज़्यादा खोई-खोई जाए
दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए
आँखों के किनारे बैठा, रोई जाए
दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए
यादों के सहारे बैठा, रोई जाए
तेरे बिना ज़िंदगी तो है, पर
जीने से ऐतराज़ है
माने हुए हैं दो दिल, लेकिन
तक़दीरें नाराज़ हैं

कहता है कहानी इश्क़ का ये पानी
सब डूबे, साहिल पे लेकिन कोई-कोई आए
दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए
आँखों के किनारे बैठा, रोई जाए
दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए
यादों के सहारे बैठा, रोई जाए
रोई जाए (रोई जाए)

तू नहीं हमकदम तो रास्ते बुरे
तू नहीं तो नींद भी आँखों से है परे
ख़ामख़ाह ही पड़ गई दरारें ख़ाब में
तेरे बिन तनहाई सी धड़कनों में चले
तेरे बिन ये ग़म हैं, ....रोई जाए

तो आइए सुनते हैं ग़मगीन करता ये नग्मा। पर्दे पे इसे  फिल्माया गया है अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह पर..


 

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

सोमवार, जनवरी 27, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ Shaabaashiyaan

अमित त्रिवेदी, अमिताभ भट्टाचार्य और शिल्पा राव की तिकड़ी एक शाम मेरे नाम की संगीतमालाओं के लिए नई नहीं है। जब अमित और अमिताभ ने अपना संगीत का कैरियर शुरु ही किया था तो उनकी प्रतिभा की गहराई मुझे उनके गीत इक लौ इस तरह क्यूँ  बुझी मेरे मौला में  नज़र आई थी। संगीतमाला के उस सरताज गीत को शिल्पा राव ने ही अपनी बेहतरीन आवाज़ में निभाया था। आज ग्यारह साल बाद एक बार फिर इस तिकड़ी ने अपना कमाल दिखाते हुए पिछले साल के दस चुनिंदा गीतों में अपना स्थान बनाया है मिशन मंगल के गीत शाबाशियाँ के ज़रिए।


मिशन मंगल विज्ञान से जुड़ी फिल्म थी जिसमें संगीत का कोई किरदार हो सकता है इसके बारे में अमित शुरू  में सशंकित थे। अमित एक ऐसे संगीतकार हैं जो म्यूज़िक बैंक बनाने में विश्वास नहीं रखते। वे अक्सर अपने साक्षात्कारों में दोहराते हैं कि जब तक पटकथा की खुराक उनके सामने नहीं रख दी जाती वो संगीत बनाने के लिए प्रेरित नहीं हो पाते। मिशन मंगल के लिए उन्होंने दो ही गीत बनाए पर जब आप फिल्म देखेंगे तो बिल्कुल नहीं लगेगा कि ये गीत बाहर से थोपे गए हैं।

शाबाशियाँ विपरीत परिस्थितियों में मन में एक उत्साह का संचार करने वाला गीत है। अमिताभ के लिखे गीत के बोलों में वो ताकत है जो किसी के भी डगमगाते आत्मविश्वास को पुनर्जीवित कर दे। सच ही तो है कि लाख लोग आपकी असफलताओं पर तंज़ कसें पर अगर आप अपने कार्य को पूरी लगन व मेहनत से करते रहें तो सफल होने पर वही लोग आपको सिर पर चढ़ा लेंगे। अमित त्रिवेदी और उनकी टीम ने बड़े सटीक ढंग से गीत मुखड़े के पहले और अंतरे में तार वाद्यों का संयोजन किया है जो गीत के गंभीर मूड को बनाए रखता है। कुल मिला के ये ऐसा गीत है जिसे फिल्म के इतर भी काफी सालों तक सुना जाएगा।


कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू
देंगे वही सलामियाँ
दिल थाम के जहां देखेगा एक दिन
तेरी भी कामयाबियाँ
करके दिखा कमाल वो
आ के ज़मीं पे, देके जाए आसमाँ
शाबाशियाँ, शाबाशियाँ...
सच होने की ख़ातिर जो सपने कीमत माँगेंगे
जाग के रातें, कीमत भर देना (कीमत भर देना)
जब नज़दीक से देखे, तो खुशियों के आँसू आएँ
तू नज़रों को वो मंज़र देना (वो मंज़र देना)
ख़ुदी ये एक ही एक दिन मिटाएगी
तेरी हजार खामियाँ

करके दिखा कमाल वो...शाबाशियाँ, शाबाशियाँ

इस गीत में शिल्पा राव के साथ आनंद भास्कर और अभिषेक श्रीवास्तव की आवाज़ें हैं पर ये गीत शिल्पा का है इसमें कोई दो राय नहीं। उनकी अलग तरह की आवाज़ की बुनावट का फिल्म उद्योग ने उतना इस्तेमाल तो नहीं किया पर जब जब शिल्पा को मौके मिले हैं उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। शिल्पा जब गीत और कान्सर्ट नहीं कर रही होती हैं तो ग़ज़लें गुनगुनाकर मेरे जैसे श्रोताओं को मुग्ध करती रहती हैं। इस साल घुँघरू, कलंक और इस गीत में उनकी गायिकी काफी सराही गयी।

अभी हाल ही में इसी गीत का एक और वीडियो उन्होंने ज़ारी किया है तो मैंने सोचा कि क्यूँ ना उसे भी यहाँ साझा किया जाए..


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शनिवार, जनवरी 25, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal

अर्जुन हरजाई के संगीत से मेरी पहली मुलाकात लखनऊ सेंट्रल के गीत रंगदारी से हुई थी। उस गीत के बारे में बात करते हुए मैंने आपको बताया था कि किस तरह गीतकार कुमार (यानी कुमार राकेश)अर्जुन के लिए फिल्म जगत में कृष्ण सदृश सारथी साबित हुए थे। लखनऊ सेंट्रल 2017 में आई थी। पिछले दो सालों में फिल्मों में अर्जुन का काम बहुत दिखाई तो नहीं दिया पर ये खबर जरूर मिली कि इसी बीच वो अपनी स्कूल की प्रेमिका से परिणय सूत्र में बँध गए। पिछले साल उनके संगीतबद्ध गीत जज़मेंटल है क्या और मोतीचूर चकनाचूर जैसी फिल्मों में सुनाई दिए। 


अब क्रिकेट की भाषा में कहूँ तो उन्हें जो दो गेंदे मिलीं उसमें एक में उन्होंने छक्का लगा दिया। ज़ाहिर सी बात है उनके सारथी कुमार का भी इस सफलता में बराबर का हाथ रहा। कुमार को मैं आज के युग का आनंद बक्षी मानता हूँ। वे ज़मीन से उठे एक प्रतिभाशाली गीतकार हैं। जनता की नब्ज़ समझते हैं। कुमार अक़्सर कहा भी करते हैं कि गीतों में वो ऐसी हुकलाइन बनाने की कोशिश करते हैं जो समाज के परिवेश से निकल कर आई हो।
अगर अपनी बात करूँ तो उनके लिखे तमाम गीतों में मेरे निशां हैं कहाँ, मुझे जो भेजी थी दुआ, पानियों सा, रंगदारी, तेरा यार हूँ मैं बेहद पसंद हैं और इस फेरहिस्त में संगीतमाला की ग्यारहवीं पायदान का ये गीत भी शामिल हो गया है। इस साल की संगीतमाला में भी उनके लिखे तीन गीत हैं जिसमें दूसरा आज आप सुनेंगे।

अर्जुन हरजाई व कुमार राकेश 
फिल्म मोतीचूर चकनाचूर की नायिका का ख़्वाब है कि उसे ऍसा पति मिले जो "फॉरेन" यानी विदेशी धरती में ज़िंदगी गुजार रहा हो। अपने सपने को सच करने के लिए वो पड़ोस के अधेड़ लड़के से भी शादी के लिए तैयार हो जाती है पर उसकी नौकरी का सच जानकर नायिका के अरमानों पर ग्रहण लग जाता है।

पति पत्नी के इसी मनमुटाव पर कुमार को गीत लिखना था और उन्होंने बेहद प्यारा मुखड़ा लिखा छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर.. जे मैं मनावा मन वी जाया कर। अब कौन ऐसा होगा जो छोटी छोटी बातों पर रूठा ना हो या उसने ऐसी किसी बात पे किसी को माया ना हो।

यही वज़ह है कि जिसने भी इस गीत की मधुर धुन के साथ जब कुमार के इन बोलों को सुना तो उसे दिल में बसा लिया। कुमार की मूल भाषा वैसे भी पंजाबी है पर पंजाबी का इस्तेमाल करते हुए भी उन्होंने गीत का स्वरुप ऐसा रखा है जिसे हिंदीभाषी भी समझ सकें। मुखड़े की पकड़ को कुमार अंतरों में भी बनाए रखते हैं।

अर्जुन ने गीत में तबले के आलावा बाँसुरी और क्लारिनेट का प्रयोग किया है। इस गीत को गाने वाले भी वहीं हैं और उनके इस गीत की सफलता ये बताती है कि उनकी आवाज़ लोगों के दिलों तक पहुँची है। तो आइए सुनते हैं उनका गाया ये गीत


मिन्नतां करां मैं तां तेरियाँ वे
करे या न करे हेरा फेरियाँ वे
मिन्नतां करां मैं तां तेरियाँ वे
करे या न करे हेरा फेरियाँ वे

तेरे ही यकीण ते, मैं तां लग्गा जीण वे
दिल न दुखाया कर..
छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर
जे मैं मनावा मन वी जाया कर
छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर
जे मैं मनावा मन वी जाया कर

तू न पहचाने रब मेरा जाने
यारियां मैं पाइयां सच्चियाँ
जन्मा दे लायी दिल जोड़ेया मैं
डोरा न समझ कच्चियाँ
मैनू लग्गे डर वे, मैं जावां मर वे
अँख न चुराया कर
छोटी छोटी गल ...मन वी जाया कर

रूहां उत्ते तेरा नाम लिखेया मैं, कागज ना समझ कोई वे
छड के मैं सारी दुनियां ओ माही, इक बस तेरी होइ वे
तैनू दित्ता हक़ वे मैनु कोल रख वे
हथ न छुड़ाया कर
छोटी छोटी गल ...मन वी जाया कर


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शुक्रवार, जनवरी 24, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve

वार्षिक संगीतमाला का अगला गीत है फिल्म मरुधर एक्सप्रेस से। जानता हूँ इस फिल्म का नाम भी आपने शायद ही सुना होगा। यूँ तो इसका संगीत काफी पहले रिलीज़ हुआ था पर ये फिल्म पिछले साल जुलाई में रिलीज़ हुई और एक एक्सप्रेस ट्रेन की तरह सिनेमाघरों में बिना ज्यादा देर रुके फिल्मी पर्दे से उतर गयी। 


इस फिल्म का संगीत दिया था एक समय प्रीतम के जोड़ीदार रह चुके जीत गांगुली ने। फिल्म का तो पता नहीं पर एलबम में इस गीत के दो अलग वर्जन थे। एक में उर्जा से भरपूर सोनू निगम की आवाज़ थी तो दूसरी ओर इस गीत के अपेक्षाकृत शांत रूप को असीस कौर ने निभाया था। जीत का संगीत संयोजन वहाँ भी बेहतरीन है पर असीस उसे और बेहतर गा सकती थीं ऐसा मुझे लगा। सोनू निगम को भले ही आज के दौर में गाने के ज़्यादा  मौके नहीं मिलते पर इस छोटे बजट की फिल्म के लिए भी अपना दम खम लगा कर ये गीत निभाया है।

संगीतमाला में अगर ये गीत शामिल हो सका है उसकी एक बड़ी वज़ह जीत गाँगुली की धुन और संगीत संयोजन है जिसकी वज़ह से ये गीत तुरंत मन में स्थान बना लेता है। जीत ने एक सिग्नेचर ट्यून का इस्तेमाल किया है जो मुखड़े के पहले और अंतरे में बार बार बजती है और कानों को बड़ी भली लगती है। 

गीत का मूड रूमानी है और मनोज मुंतशिर की कलम तो ऐसे गीतों पर बड़ी सहजता से चलती है। मनोज सहज भाषा में अपने गीतों में कविता का पुट देने में माहिर रहे हैं। हाँ ये जरूर है कि इस गीत का लिबास तैयार करते हुए उन्होंने उर्दू शब्दों के गोटे जरूर जड़ दिए हैं जिससे गीत की खूबसूरती बढ़ जरूर गई है। मिसाल के तौर पर जब वो प्रेमिका को कहते हैं कि उसे एक पल भी नहीं भूले हैं तो उसका विश्वास पुख्ता हो उसके लिए वो आकाशगंगा के ग्रहों की गवाही लेना नहीं भूलते और गीत में लिखते हैं शाहिद (गवाह) हैं सय्यारे (सारे ग्रह)...इक पल मैं ना भूला तुझे।

शहरे दिल की रौनक तू ही, तेरे बिन सब खाली मिर्ज़ा...
तू ही बता दे कैसे काटूँ, रात फ़िराक़ा वाली मिर्ज़ा...
मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे
शाहिद हैं. सय्यारे...इक पल मैं ना भूला तुझे
मिर्ज़ा तेरा कलमा पढ़ना, मिर्ज़ा तेरी जानिब बढ़ना
तेरे लिए ख़ुदा से लड़ना, मिर्ज़ा मेरा जीना-मरना
सिर्फ़ तेरे इशारे पे है..ओ... सिर्फ़ तेरे इशारे पे है...

चाँद वाली रातों में, तेरी शोख़ यादों में
डूब-डूब जाता है यह दिल
मोंम सा पिघलता है, बुझता ना जलता है
देख तू कभी आ के ग़ाफ़िल
मिर्ज़ा वे. सुन जा रे.
वो जो कहना है कब से मुझे....

ओ ख़ुदाया सीने में ज़ख़्म इतने सारे हैं
जितने तेरे अंबर पे तारे...
जो तेरे समंदर हैं, मेरे आँसुओं से ही
हो गये हैं खारे-खारे
मिर्ज़ा वे. .....

(ग़ाफ़िल - अनिभिज्ञ, फ़िराक़ - वियोग, जानिब - तरफ, सय्यारे - ग्रह)

सोनू ने काफी द्रुत ताल में इस गीत को निभाया है। अगर आप सोनू निगम की गायिकी के अंदाज़ के मुरीद हैं तो इस गीत को आप जरूर पसंद करेंगे।

 

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

बुधवार, जनवरी 22, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : मंज़र है ये नया, मंज़र नया Manzar Hai Ye Naya

कलंक, मणिकर्णिका, कबीर सिंह और घोस्ट जैसी फिल्मों  के साथ साथ पिछले साल एक और फिल्म थी जिसका संगीत काफी सराहा गया था। ये फिल्म थी उरी दि सर्जिकल स्ट्राइक। फिल्म का संगीत दिया था प्रतिभाशाली संगीतकार शाश्वत सचदेव ने। अपने शानदार बोलों व संगीतके साथ इस फिल्म का जो गीत मेरी वार्षिक संगीतमाला की तेरहवीं पायदान पर जगह बनाने में सफल हुआ वो है अभिरुचि चंद का लिखा मंज़र है ये नया। 

पहली बार जब गीत का मुखड़ा मेरे कानों में गूँजा..... काँधे पे सूरज टिका के चला तू .....तो लगा कि अरे ये कहीं गुलज़ार साहब की रचना तो नहीं क्यूँकि वो इस तरह के बिंब का इस्तेमाल करने में माहिर हैं। बहुत बाद में मुझे ये जानकारी हुई कि इस गीत को नवोदित गीतकार अभिरुचि ने लिखा है और गीत की उनकी शैली को देख मुझे ये समझते देर नहीं लगी कि वो जरूर हम लोगों की तरह गुलज़ार की शैदाई होंगी।


देशप्रेम से ओतप्रेम इस फिल्म के गीत संगीत से यही अपेक्षा थी कि वो  श्रोताओं को एक जोश और उमंग से भर दे। आख़िर यही तो वो फिल्म थी जिसने How is the Josh ! वाले जुमले को हिंदुस्तान के बच्चे बच्चे की जुबाँ पर ला दिया था। अभिरुचि के लिखे शानदार बोलों की मदद से गायक शांतनु सुदामे और संगीतकार शाश्वत सचदेव ये करने में बेहद सफल रहे।

शाश्वत की प्रतिभा से तो मैं आपको फिल्लौरी के गीत साहिबा... साहिबा...चल वहाँ जहाँ मिर्जा में करा ही चुका हूँ। मैंने तब आपको बताया था कि डॉक्टर पिता और प्रोफेसर माँ का ये जयपुरी लाल संगीत में शुरुआत से रुचि रखने के बाद भी माँ के कहने पर कानून की पढ़ाई पढ़ गया। फिर विदेशों के अलग संगीत समूहों के साथ काम करके जब भारत लौटा तो अपनी पहली ही फिल्म में उसने अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़ दिए। 

पियानों और की बोर्ड में निपुण शाश्वत का संगीत संयोजन यहाँ भी ध्यान खींचता है। गिटार पर यंगमिन और ताल वाद्यों पर शिवमणि की झंकार के साथ संगीत का सबसे सुरीला टुकड़ा गीत के अंत में तब आता है जब राजू धूमल की बजाई शहनाई गूँज उठती है। शाश्वत को नए नए वाद्ययंत्रों और आवाज़ के साथ प्रयोग करने का बड़ा शौक़ रहा है। इस फिल्म का संगीत तैयार करने के लिए वो जर्मनी से अपने मन का सिंथिसाइज़र उठा कर लाए।

अभिरुचि चंद व शाश्वत सचदेव
फिल्लौरी में शाश्वत का काम देख अभिरुचि ने उनके साथ काम करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। शाश्वत ने उन्हें ये मौका उरी के एक गीत में दे दिया और क्या कमाल के बोल लिखे अभिरुचि ने।  पेशे से वो एक पत्रकार थीं पर कविता से अपने लगाव की वजह से टाइम्स आफ इंडिया की नौकरी छोड़कर दिल्ली से मुंबई आ गयीं। फिल्मों में पटकथा लेखन के आलावा बतौर गीतकार उन्होंने कपूर एंड संस, NH10, अक्टूबर जैसी फिल्मों के चंद गीत लिखे है।

अभिरुचि द्वारा लिखी गीत की शुरुआती पंक्तियों में वो ताकत है जिसे पढ़कर ही खून में एक गर्मी सी आने लगती है और मन गीत के साथ बहने लगता है। ये गीत यूँ तो फिल्म में सेना के खास मिशन में जा रहे सैनिकों में दम खम भरता है पर ये उन सभी लोगों को उतना ही भाएगा जो पूरे जोश व जुनून के साथ अपनी मंजिलों की तलाश में दिन रात कर्मठता से लगे हुए हैं। 


काँधे पे सूरज, टिका के चला तू
हाथों में भर के चला बिजलियाँ
तूफां भी सोचे, ज़िद तेरी कैसी
ऐसा जुनून है किसी में कहाँ
बहता चला तू, उड़ता चला तू
जैसे उड़े बेधड़क आँधियाँ
बहता चला तू, उड़ता चला तू
जैसे उड़े आँधियाँ
मंज़र है ये नया, मंज़र नया
मंज़र है ये नया
कि उड़ रही है बेधड़क सी आँधियाँ
...
कँपते थे रस्ते, लोहे से बस्ते
बस्ते में तू भर चला आसमान
आएँगी सदियाँ, जाएँगी सदियाँ
रह जाएँगे फिर भी तेरे निशां
बहता चला तू..... आँधियाँ

तो आइए शांतनु की जानदार आवाज़ में सुनते हैं ये गाना


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

सोमवार, जनवरी 20, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda

अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि आजकल के गीतों में पुराने गीतों सी ना मिठास है और ना ही उनके शब्दों में भावनाओं का आवेग झलकता है। वार्षिक संगीतमाला की चौदहवीं पायदान पर फिल्म 72 hours का ये गीत आप की इन दोनों शिकायतों को दूर करेगा ऐसा मुझे विश्वास है। 

इस गीत की मधुरता आप तक पहुँचेगी श्रेया घोषाल  की आवाज़ में और गीत के बेहद प्यारे बोलों को लिखने वाली हैं सीमा सैनी। भारत चीन युद्ध के अमर शहीद राइफल मैन जसवंत सिंह रावत पर बनाई गयी फिल्म ठीक एक साल पहले जनवरी 2019 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म तो बॉक्स आफिस पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई पर फिल्म के लिए बने गीतों में से एक गीत ओ रे चंदा जरूर अपनी पहचान छोड़ गया।


सीमा सैनी कितनी प्रतिभाशाली  कवयित्री है ये मुझे पहली बार वर्ष 2011 में उनके फिल्म लंका के लिए लिखे गीत शीत लहर को सुन कर लग गया था। तब उन्होंने एक दबंग नेता द्वारा अपहृत लड़की की वेदना को कुछ इन शब्दों में व्यक्त किया था

शीत लहर है, भीगे से पर हैं... थोड़ी सी धूप माँगी है
आँखो भर है नीला गगन और...ठहरा हुआ कुछ पानी है..."

उसी गीत में उन्होंने आगे लिखा था

तिनका तिनका रात उधेड़ो, दिन आज़ाद है कह दो ना
भीतर भीतर कितनी उमस है, थोड़ी साँसें दे दो ना

सीमा किस तरह सिविल इंजीनियरिंग के पेशे से निकल कर मायावी मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने पहुँची ये दास्तान तो पहले यहाँ लिखी थी। सीमा ने पिछले आठ सालों में गीत लिखने के साथ साथ वेब सिरीज और मास्टर शेफ की मास्टर क्लास जैसे शोज़ के लेखन का काम भी सँभाला है। आगे उनका अपने लिखे गानों को संगीत देने का इरादा है। जब भी वो कोई गीत लिखती हैं तो मन ही मन में उसका मीटर भी बन रहा होता है। उनका मानना है कि उन्हें अपने अंदर के संगीतकार को भी बाहर निकलने का मौका देना चाहिए। देखते हैं मेरे जैसे श्रोताओं को उनका संगीतबद्ध गीत कब तक सुनने को मिलता है?

सीमा की ये झोली में ये गीत तब गिरा जब एक मित्र ने उनकी मुलाकात संजय बोस से करवाई। संजय इस फिल्म के लिए एक काव्यात्मक गीत की तलाश में थे। उन्होंने सीमा का लिखा शीत लहर सुना था इसलिए बात जल्दी ही बन गयी।  
श्रेया घोषाल व सीमा सैनी
शीत लहर के  गीत में एक गहरी पीड़ा थी पर 72 hours के इस गीत में एक मीठी सी उलाहना है। फौजी की प्रेमिका के पास शिकायत करने के आलावा चारा ही क्या है। प्रियतम हैं कि देश की सेवा में सरहद पर जाकर बैठे हैं।  ये भी तो पता नहीं है कि किस हाल में हैं?  ना कोई संदेश ना कोई खबर ही। पर नायिका शिकायत करे तो किससे? 

अब ये सीमा की लेखनी का कमाल है कि इस गीत में उन्होंने चाँद को अभियुक्त बना कर कटघरे में खड़ा कर दिया। वैसे मजरूह साहब ने चाँद फिर निकला, मगर तुम ना आए  लिखते हुए चाँद से प्रियतम की याद को जरूर जोड़ा था पर सीमा ने तो एक कदम आगे बढ़कर उसे बेईमान ही बता दिया। बेईमान यूँ कि इधर नायिका की आँखें प्रियतम की बाट जोह रही हैं और ये मुआ चंद्रमा उसके प्रेमी पर नज़र रखते हुए भी उधर की खबर इधर नहीं पहुँचा रहा। उसके इंतज़ार की पीड़ा जब सुबह ओस रूपी आँसू बन कर निकलती है तो उसमें भी चंद्रमा का मुस्कुराता प्रतिबिंब उसे कचोटता रहता है। इसीलिए सीमा लिखती हैं... 

ओ रे चंदा बेईमान रे..ओ रे चंदा बेईमान रे
ऐ सुबह तू संदेशा देना, हम अधूरे हैं उनसे कहना
ना साँस आए ना राम रे, ओ रे चंदा बेईमान रे

तरसे जिसको मोरे नैन चंदा, तू दिखे उसे सारी रैन चंदा
मैं जल जाऊँ तुझसे ओ चंदा, हाय लगाऊँ तुझपे ओ चंदा

एहसास तेरा ले के आए, छू के तुझे आए हवाएँ
सुबह बूँद बन के पलकों पे आई, तू ओस में मुस्कुराए
ओ रे चंदा बेईमान बेईमान बेईमान


शीत लहर के गीत की तरह ही इस गीत को भी श्रेया ने गाया है और क्या गजब गाया है। सीमा का शिकायती लहजा उनकी आवाज़ में जीवंत हो उठा है। गीत की धुन संजय बोस ने बनाई जो श्रेया के हिस्से तक अत्यंत मधुर लगती है।  नायक के मनोभावों को व्यक्त करता गीत का अंतिम हिस्सा खुद संजय बोस ने गाया है।

ना मुलाकात, ना तुझसे कोई बात है
मैं जानता हूँ इन दिनो जो तेरे मेरे हालात हैं
एक सपना आँखों में दस्तक दे रहा
फिर मिले वो वादियाँ और तू साथ है
फिर मिलेंगे हम फिर गिरेगी बर्फ


इस गीत से जुड़ी बातें शेयर करने के लिए सीमा ने एक शाम मेरे नाम के लिए वक़्त निकाला उसके लिए मैं उनका हार्दिक आभारी हूँ।

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शनिवार, जनवरी 18, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी Rajaji

एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला अब उस हिस्से में पहुँच गयी है जहाँ से ऊपर बजने वाला हर एक गीत मेरे दिल के बेहद करीब है। मेरा यकीन है कि इन पन्द्रह गीतों में से आधे गीत ऐसे होंगे जिनको आपने शायद पिछले साल सुना ही नहीं होगा। ऊपर की इन पन्द्रह पायदानों में जो पहला गीत है वो है फिल्म मणिकर्णिका से। 


आप तो जानते ही हैं कि इस फिल्म के गीत लिखे हैं प्रसून जोशी ने और साल के इस बेहतरीन एलबम के संगीतकार हैं शंकर एहसान लॉय! ये हस्तियाँ तो इतनी नामी हैं कि उनके बारे में आज ना बात करते हुए मैं आपको मिलवाना चाहूँगा इस गीत की गायिका प्रतिभा सिंह बघेल से। प्रतिभा की बहुमुखी प्रतिभा की झलकियाँ मैं पिछले एक दशक से देख रहा हूँ पर बतौर पार्श्व गायिका उन्हें इतना बड़ा ब्रेक मिलता देख मुझे दिल से खुशी हुई।

मध्यप्रदेश के शहर रीवाँ से ताल्लुक रखने वाली प्रतिभा भी सा रे गा मा पा के मंच की ही खोज हैं। वर्ष 2008 के चैलेंज में सा रे गा मा पा लक्ष्य घराने से अंतिम पाँच में जगह बनाने वाली प्रतिभा पिछले एक दशक से बतौर पार्श्व गायिका अपना मुकाम बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। ऐसा नहीं हैं कि उन्हें फिल्मों में इसके पहले गाने के अवसर नहीं मिले। आपने उनके गाए गीत इसक, शोरगुल, बॉलीवुड डायरीज़, हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया जैसी फिल्मों में सुने होंगे पर सा रे गा मा पा के अपने पहले गुरु शंकर महादेवन द्वारा दिया गया अवसर इस पुलिस इंस्पेक्टर की बेटी के लिए एक विशेष मायने रखता है। 

कंगना रणावत जैसी अभिनेत्री और भारतीय इतिहास की वीर नायिका रानी लक्ष्मी बाई की आवाज़ बनना उनके कैरियर के लिए एक अहम पड़ाव होगा ऐसा मुझे लगता है। प्रतिभा एक ऐसे परिवार में पली बढ़ी हैं जहाँ गाने और बजाने का शौक तो सबको था पर इसे बतौर कैरियर अपनाने का काम अपने काका के बाद प्रतिभा ने ही किया।

शास्त्रीय संगीत में पारंगत प्रतिभा जिस सहजता से ठुमरियाँ गाती हैं उतने ही मनोयोग से गुलाम अली, मेहदी हसन और हरिहरण की ग़ज़लों को भी गुनगुना लेती हैं। पिछले साल से उन्होंने संगीत नाटिका मुगलेआज़म और उमराव जान के मंचन में गायिका के साथ साथ अभिनय पर भी हाथ आजमाया है। आने वाले दिनों में आप उनकी ग़ज़ल का एक एलबम भी सुन पाएँगे।

तो चलिए लौटते हैं  इस गीत की तरफ। मणिकर्णिका के इस गीत के लिए शंकर ने उन्हें इतना ही कहा कि तुम गाओ..  टेंशन नहीं लेना। रिकार्डिंग के समय प्रतिभा थोड़ी नर्वस थीं और उन्होंने शंकर जी से जाकर कहा भी कि सर अगर अच्छा नहीं हुआ हो तो मैं दुबारा गा लूँगी पर उसकी नौबत ही नहीं आई। उन्होंने इसी फिल्म के लिए एक लोरी भी गायी है 'टकटकी' जो भले ही इस संगीतमाला का हिस्सा ना हो पर है एक प्यारा गीत।

मुखड़े के पहले का संगीत मन को शांत कर देता है और उसी के बीच प्रतिभा की मीठी आवाज़ अपने राजाजी को पुकारती हुई उभरती है। प्रसून मन की रुनझुन को खनकते, चितचोर, चुगलखोर नैनों से प्रकट करते हुए जब दिल का हाल कुछ यूँ बताते हैं ...सिंदूरी भोर, नहीं ओर-छोर....बाँधी कैसी ये डोर...धड़कन बेताल, सपने गुलाल....किया कैसा हाल, राजा जी...तो उनके शब्दों के इस कमाल पर शाबासी देने की इच्छा होती है। शंकर अहसान लॉय की संगीतकार त्रयी ने गीत में कोरस और बाँसुरी का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। प्रतिभा के गाए इस गीत की अंतिम पंक्तियों में साथ दिया है रवि मिश्रा ने।

ओ राजा जी, ओ महाराजा जी
नैना चुगलखोर राजा जी

मन की रुनझुन छुप ना पाए
खनक-खनक खनके नैना
बड़ी अजब है रीत प्रीत की
बिन बोले सब कुछ कहना
कुनकुनी-सी धूप बिखरी
जाए रे मनवा कुहू-कुहू बौराये रे
ओ राजा जी, नैना चुगलखोर, राजा जी
ओ महाराजा जी, नैना हैं चितचोर, राजा जी

सिंदूरी भोर, नहीं ओर-छोर
बाँधी कैसी ये डोर
धड़कन बेताल, सपने गुलाल
किया कैसा हाल, राजा जी

तेरा ध्यान भी छैल-छबीला
लचक-मचक के आए रे
मन ख़ुद से ही बातें करके
मन ही मन मुस्काए रे
कुनकुनी-सी धूप बिखरी...राजा जी

मन-अँगना कोई आया
शीतल छैयाँ बन छाया
इक चंचल नदिया को रस्तों से मिलाया
इक बहती हवा ने कानों में कहना सीखा
कल-कल जल ने इक पल रुकके रहना सीखा
पगडंडी को रस्ते मिल गये
धीरे-धीरे राहें नयी खुलती जाएँ रे


ये गीत गाने में इतना आसान भी नहीं हैं पर प्रतिभा ने गीत के उतार चढ़ावों को भली भांति निभाया हैं। ये गीत उन गीतों में से है जो धीरे धीरे आपके मन में बसता है और एक बार बस जाए तो फिर निकलने का नाम नहीं लेता। 😊



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie